करवाचौथ 2025: मंत्रों का जाप और पूजा विधि से पाएं सुख-समृद्धि

करवाचौथ 2025 का पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना करती हैं। जानें इस पर्व पर विशेष मंत्रों का जाप कैसे करें, जिससे आपके दांपत्य जीवन में खुशहाली आएगी। इस लेख में व्रत संकल्प, पूजा के दौरान मंत्र और जाप के समय ध्यान देने योग्य बातें शामिल हैं।
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करवाचौथ 2025: मंत्रों का जाप और पूजा विधि से पाएं सुख-समृद्धि

करवाचौथ 2025 का महत्व

करवाचौथ 2025: मंत्रों का जाप और पूजा विधि से पाएं सुख-समृद्धि

करवाचौथ 2025Image Credit source: Getty Images

करवाचौथ 2025: हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं के लिए करवाचौथ का पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर अपने पतियों की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं। इस वर्ष, करवाचौथ 10 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि की शुरुआत 9 अक्टूबर की रात 10:54 बजे होगी और इसका समापन 10 अक्टूबर की शाम 7:34 बजे होगा।

महिलाएं इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित करती हैं। क्या आप जानते हैं कि इस दिन कुछ विशेष मंत्रों का जाप करने से व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है? आइए जानते हैं कि करवाचौथ के दिन सुखद जीवन के लिए किन मंत्रों का जाप कब करना चाहिए।


व्रत संकल्प का मंत्र

सुबह व्रत शुरू करते समय

करवाचौथ का व्रत आरंभ करने से पहले, सुबह स्नान के बाद हाथ में जल और पुष्प लेकर व्रत का संकल्प लिया जाता है। इस समय यह मंत्र बोलने से आपका व्रत निर्विघ्न पूरा होता है और आपकी इच्छाएं पूरी होती हैं।

मंत्र:

ममसुखसौभाग्यपुत्र-पौत्रादिसुस्थिरश्रीप्राप्तयेकरकचतुर्थीव्रतमहंकरिष्ये.

अर्थ: मैं अपने सुख, सौभाग्य, पुत्र-पौत्र आदि और स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए इस ‘करक चतुर्थी’ (करवा चौथ) व्रत को कर रही हूँ।


शाम की पूजा में मंत्र

शिव-पार्वती और गणेश मंत्र

शाम के समय जब करवा माता और शिव परिवार की पूजा की जाती है, तब इन मंत्रों का जाप करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। माता पार्वती, भगवान शिव और गणेश जी की आराधना से अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है।

मां पार्वती का मंत्र (सौभाग्य प्राप्ति के लिए)

यह मंत्र विशेष रूप से अखंड सौभाग्य, संतान सुख और समृद्धि के लिए जपा जाता है।

मंत्र:

नमःशिवायैशर्वाण्यैसौभाग्यंसंततिशुभाम्.प्रयच्छभक्तियुक्तानांनारीणांहरवल्लभे॥

अर्थ: शिव की प्रिय पत्नी, आप भक्तिपूर्वक आपकी पूजा करने वाली नारियों को सौभाग्य और सुंदर संतान प्रदान करें।


मंत्र जाप के दौरान ध्यान देने योग्य बातें

जाप करते समय ध्यान रखें ये बातें

समय और संख्या: आप पूजा के दौरान अपनी सुविधानुसार 11, 21, 51 या 108 बार इन मंत्रों का जाप कर सकती हैं।

शुद्धता: मंत्र जाप से पहले खुद को शुद्ध करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें।

ध्यान: मंत्र का जाप शांत मन से और माता पार्वती व शिवजी पर ध्यान केंद्रित करते हुए करें।

श्रद्धा: मंत्रों का जाप करते समय अपने मन में पति की लंबी आयु और अपने दांपत्य जीवन की खुशहाली के लिए सच्ची श्रद्धा रखें।