करवा चौथ का व्रत: चाँद न दिखने पर भी ऐसे करें पूजा

करवा चौथ का महत्व और तैयारी
करवा चौथ का व्रत नजदीक है और घरों में इसकी तैयारियाँ चल रही हैं। हर साल, यह व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य अनंत सुख की प्राप्ति है। इस दिन महिलाएँ अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और सोलह श्रृंगार करती हैं।
चाँद की पूजा का महत्व
शाम को जब चाँद दिखाई देता है, तब उसकी पूजा की जाती है। लेकिन कभी-कभी मौसम खराब होने के कारण चाँद आसमान में नहीं दिखता। यदि इस साल करवा चौथ पर चाँद नहीं दिखता है, तो चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज ने बताया कि यदि महिलाएँ चाँद नहीं देख पाती हैं, तो भगवान शिव उनकी पूजा को पूर्ण करने में मदद करेंगे।
करवा चौथ की तिथि
वेदिक कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर को रात 10:54 बजे शुरू होगी और 10 अक्टूबर को लगभग 7:38 बजे तक चलेगी। इसलिए, इस साल करवा चौथ का व्रत शुक्रवार, 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
चाँद की पूजा का तरीका
करवा चौथ पर चाँद की पूजा पति की लंबी उम्र, अनंत सुख और वैवाहिक जीवन में शांति के लिए की जाती है। चाँद को शांति, समृद्धि और मानसिक स्थिरता का प्रतीक माना जाता है।
चाँद की पूजा से मन को शांति मिलती है, जिससे पति-पत्नी के बीच का संबंध मजबूत होता है। यह जल और पृथ्वी के तत्वों का सम्मान भी करता है, जो वैवाहिक सुख से जुड़े होते हैं।
चाँद न दिखने पर क्या करें?
करवा चौथ कब मनाया जाएगा?
यदि चाँद नहीं दिखता है, तो महिलाएँ करवा चौथ की रात नजदीकी शिव मंदिर जाएँ, जहाँ चाँद भगवान शिव के माथे पर स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। चाँद हमेशा भगवान शिव के माथे पर सुशोभित होता है।
आप चाँद निकलने के बाद मंदिर जाकर चाँद की पूजा कर सकते हैं। इस विधि से व्रत का फल प्राप्त होगा।
चाँद की पूजा के लिए चाँदी का सिक्का
चाँदी का सिक्का
यदि चाँद नहीं दिखता है, तो एक और उपाय है। चाँद निकलने के बाद एक चाँदी का सिक्का या गोल चाँदी का टुकड़ा लें। इसे चाँद का प्रतीक मानकर पूजा करें। इसके बाद करवा चौथ की प्रार्थनाएँ करें। फिर व्रत तोड़ें और व्रत को पूर्ण करें। चाँद का शुभ रत्न चाँदी है, इसलिए इस व्रत को करने से विशेष पुण्य भी प्राप्त होगा।
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