करवा चौथ 2023: चांद के दीदार का समय और पूजा विधि

करवा चौथ का त्योहार इस साल 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जब विवाहित महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए चांद का इंतजार करेंगी। इस लेख में जानें चंद्रोदय का समय, पूजा विधि और इस पर्व का महत्व। चांद के दीदार के लिए तैयार हो जाइए और अपने जीवनसाथी के लिए दुआ मांगने का सही तरीका जानें।
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करवा चौथ 2023: चांद के दीदार का समय और पूजा विधि

करवा चौथ का पर्व और इसकी विशेषता

करवा चौथ का त्योहार आ चुका है, और देशभर की विवाहित महिलाएं इस दिन चांद का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं। यह वह खास अवसर है जब हर पत्नी अपने पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती है। इस वर्ष करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह पर्व हर साल कार्तिक मास की कृष्ण चतुर्थी को धूमधाम से मनाया जाता है।


व्रत का महत्व और तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक कृष्ण चतुर्थी की तिथि 9 अक्टूबर को रात 10:54 बजे शुरू होगी और 10 अक्टूबर को शाम 7:38 बजे तक रहेगी। उदिया तिथि के चलते करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस दिन महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं। यह व्रत पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाने के साथ-साथ प्यार और विश्वास का प्रतीक भी है।


चांद का दीदार कब होगा?

द्रिक पंचांग के अनुसार, इस साल करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय लगभग रात 8:14 बजे होगा। हालांकि, विभिन्न शहरों में यह समय थोड़ा भिन्न हो सकता है। आइए जानते हैं कि आपके शहर में चांद कब निकलेगा।


आपके शहर में चंद्रोदय का समय

भारत के प्रमुख शहरों में चंद्रोदय का समय इस प्रकार है:



  • दिल्ली: रात 8:13 बजे

  • गुरुग्राम: रात 8:13 बजे

  • गाजियाबाद: रात 8:13 बजे

  • नोएडा: रात 8:13 बजे

  • मुंबई: रात 8:55 बजे

  • कोलकाता: शाम 7:45 बजे

  • चेन्नई: शाम 7:30 बजे

  • चंडीगढ़: रात 8:08 बजे

  • लुधियाना: रात 8:11 बजे

  • देहरादून: रात 8:04 बजे

  • शिमला: शाम 7:48 बजे

  • पटना: शाम 7:48 बजे

  • लखनऊ: रात 8:42 बजे

  • इंदौर: रात 8:33 बजे

  • भोपाल: रात 8:26 बजे

  • अहमदाबाद: रात 8:47 बजे

  • जयपुर: रात 8:22 बजे

  • रायपुर: शाम 7:43 बजे


चंद्रमा को अर्घ्य देने की विधि

करवा चौथ की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन महिलाएं निम्नलिखित विधि से चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं: शाम को करवा देवी की पूजा करें और व्रत कथा का पाठ करें। पूजा के बाद, एक थाली में जल से भरा लोटा, करवा, छलनी, चावल, मिठाई, फूल, दीपक और बाती रखें। छत या आंगन में जाकर चांद के निकलने का इंतजार करें।


चांद दिखने पर सबसे पहले उसकी आरती करें। फिर छलनी में जलता दीपक रखकर चांद को देखें। इस दौरान चंद्र मंत्रों का जाप करें और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करें। इसके बाद चांद को जल अर्पित करें। जल में चांदी का सिक्का और चावल डालना न भूलें। अंत में, उसी छलनी से अपने पति का चेहरा देखें और उनके हाथों से जल पीकर व्रत तोड़ें।


अर्घ्य देते समय ध्यान रखने योग्य बातें

चंद्रमा को अर्घ्य देते समय चंद्र मंत्र और चंद्र स्तुति का जाप करना शुभ माना जाता है। इससे वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और स्थिरता आती है। यह प्रक्रिया न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास को और गहरा करती है।


करवा चौथ का यह पर्व हर विवाहित महिला के लिए बेहद खास होता है। तो, तैयार हो जाइए चांद का दीदार करने और अपने जीवनसाथी के लिए दुआ मांगने के लिए!