कमलनाथ ने दूषित कफ सिरप से बच्चों की मौत पर उठाए सवाल, SIT जांच की मांग
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दूषित कफ सिरप से बच्चों की मौतों पर राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में विशेष जांच दल (SIT) की मांग की है। कमलनाथ ने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की विफलता और दवा गुणवत्ता की निगरानी की कमी पर चिंता जताते हुए कहा कि यह केवल नीतिगत विफलता नहीं, बल्कि बच्चों की हत्या के समान है। उन्होंने प्रभावित परिवारों को मुआवज़ा देने की भी मांग की।
Oct 6, 2025, 14:44 IST
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कमलनाथ की तीखी प्रतिक्रिया
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को दूषित कफ सिरप के कारण बच्चों की मौतों पर राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) से मामले की जांच कराने की मांग की। एक पोस्ट में, कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि शोकाकुल परिवार सरकार से सवाल कर रहे हैं। उन्होंने लिखा कि छिंदवाड़ा में मासूम बच्चों की मौत की दिल दहला देने वाली खबर ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। जिस छिंदवाड़ा को मैंने अपने परिवार की तरह पाला, आज उसी छिंदवाड़ा में बच्चों के शव पड़े हैं। मेरा मन अत्यंत व्यथित और क्रोधित है... शोकाकुल परिवारों की चीखें इस सरकार पर सवाल उठा रही हैं।
स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की विफलता
कमलनाथ ने 16 बच्चों की मौत का दावा करते हुए राज्य की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की विफलता का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ज़हरीली कफ सिरप से मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है। यह संख्या किसी आकस्मिक घटना का परिणाम नहीं है, बल्कि हमारी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली और निगरानी तंत्र की गंभीर विफलता का संकेत है। इसके बावजूद, सरकार के चेहरे पर कोई शिकन नहीं है। न तो किसी मंत्री ने इस्तीफा दिया है और न ही जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई की गई है। क्या यही जन सुरक्षा की परिभाषा है?
दवा गुणवत्ता की निगरानी की कमी
कांग्रेस नेता ने मध्य प्रदेश में दवा गुणवत्ता की निगरानी की कमी पर भी चिंता जताई और असली दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, "अगर समय पर सख्त कदम उठाए गए होते, तो कई बच्चों की जान बचाई जा सकती थी। लेकिन सरकार ने बड़े मुद्दों से मुंह मोड़ लिया और छोटे लोगों को निशाना बनाया। दुकानदारों और निचले स्तर के कर्मचारियों पर कार्रवाई करके मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की गई, लेकिन असली दोषी कौन हैं? दवा निर्माता कंपनियाँ और उनका वितरण नेटवर्क, जिनका निरीक्षण नहीं किया गया... लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।"
कमलनाथ की मांगें
कमलनाथ ने कहा कि अब तक की गई कार्रवाई केवल गुमराह करने की रणनीति है। उन्होंने इसे "बच्चों की हत्या" बताते हुए कहा, "यह सिर्फ़ नीतिगत विफलता नहीं है; यह बच्चों की हत्या के समान है। जब हमारे स्वास्थ्य विभाग की निगरानी और दवाओं की गुणवत्ता की जांच इतनी कमजोर हो कि ज़हरीली दवाएँ आसानी से बाजार में पहुँच सकें, तो ऐसे परिणाम आना लाज़मी है। परिवारों की कराह और अनगिनत सवाल उठते हैं। क्या हमें यह मान लेना चाहिए कि ये बचपन की जानें सिर्फ़ बलिदान के आँकड़े हैं? बिल्कुल नहीं।" पूर्व मुख्यमंत्री ने एसआईटी जांच के साथ-साथ सभी संदिग्ध कफ सिरपों की मानकीकृत जांच और प्रभावित परिवारों को तत्काल मुआवज़ा देने की मांग की।