कबड्डी खिलाड़ी की रेबीज से मौत: एक गंभीर घटना

उत्तर भारत में कबड्डी खिलाड़ी की दुखद मौत
उत्तर भारत से एक दिल दहला देने वाली खबर आई है, जिसमें एक राज्य स्तरीय कबड्डी खिलाड़ी की रेबीज के कारण मृत्यु हो गई। यह खिलाड़ी, बृजेश सोलंकी, जो केवल 22 वर्ष का था, को एक आवारा पिल्ले ने काटा था, जिसे उसने नाले से बचाया था। बृजेश को कुछ दिन पहले ही रेबीज के लक्षण दिखाई देने लगे थे। वह राज्य चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक विजेता और प्रो कबड्डी लीग के संभावित खिलाड़ी थे। रिपोर्टों के अनुसार, उसे एंटी-रेबीज वैक्सीन नहीं मिल पाई, जिसके चलते उसकी जान चली गई।
कुत्ते के काटने से हुई मौत
सोलंकी के परिवार ने बताया कि उन्हें दो महीने पहले एक पिल्ले ने काटा था, लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। 28 जून को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। उनके भाई संदीप ने कहा कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका। बृजेश तीन भाइयों में सबसे छोटा था।
एंटी-रेबीज टीका नहीं लगवाने का परिणाम
संदीप ने बताया कि बृजेश ने सोचा कि यह काटना गंभीर नहीं है, इसलिए उसने एंटी-रेबीज का टीका नहीं लगवाया। बाद में, अलीगढ़ के एक निजी अस्पताल ने पुष्टि की कि उसे एक पागल जानवर ने काटा था, संभवतः एक कुत्ता या बंदर। बृजेश उस समय गांव में रहकर स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण ले रहा था। अधिकारियों ने बताया कि उसकी मृत्यु के बाद स्वास्थ्य विभाग ने एहतियात के तौर पर फराना गांव में 29 लोगों को एंटी-रेबीज टीके लगाए हैं।
परिवार ने मदद की मांग की
बृजेश के कोच प्रवीण कुमार ने कहा, "वह हमारे सबसे होनहार खिलाड़ियों में से एक था। उसे लगा कि उसके हाथ में दर्द नियमित कबड्डी अभ्यास के कारण है। उसे यह नहीं पता था कि यह छोटा सा काटने का निशान कितना गंभीर हो सकता है।" परिवार ने अब सरकार से मदद की अपील की है। संदीप ने कहा, "बृजेश घर का इकलौता कमाने वाला था। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि हमारी मदद की जाए।"
स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई
बृजेश की मृत्यु के बाद, स्वास्थ्य अधिकारियों ने गांव का दौरा किया और एहतियात के तौर पर कम से कम 29 लोगों को टीका लगाया। इसके साथ ही, स्थानीय जागरूकता अभियान भी शुरू किया गया है।