कपिल सिब्बल का 77वां जन्मदिन: एक वकील से राजनेता बनने की यात्रा

कपिल सिब्बल, जो आज 77 वर्ष के हो गए हैं, एक प्रसिद्ध वकील और राजनेता हैं। उनके जीवन में कई महत्वपूर्ण मोड़ आए हैं, जैसे कि IAS की नौकरी को छोड़कर खुद का लॉ फर्म स्थापित करना और कांग्रेस पार्टी में तीन दशकों तक सक्रिय रहना। इस लेख में उनके जन्मदिन के अवसर पर उनके जीवन की कुछ दिलचस्प बातें और राजनीतिक यात्रा का विवरण दिया गया है। जानें कपिल सिब्बल की प्रेरणादायक कहानी और उनके योगदान के बारे में।
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कपिल सिब्बल का 77वां जन्मदिन: एक वकील से राजनेता बनने की यात्रा

कपिल सिब्बल का परिचय

उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल, जो एक प्रतिष्ठित वकील हैं, आज 08 अगस्त को अपने 77वें जन्मदिन का जश्न मना रहे हैं। राजनीति के साथ-साथ, कपिल एक प्रतिभाशाली गीतकार भी हैं, जिन्होंने हिंदी फिल्मों के लिए कई गीत लिखे हैं। वर्तमान में, वह सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। आइए उनके जन्मदिन के अवसर पर उनके जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प जानकारियों पर नजर डालते हैं...


जन्म और पारिवारिक पृष्ठभूमि

कपिल सिब्बल का जन्म 08 अगस्त 1948 को पंजाब के जालंधर में हुआ। उनके पिता, हीरा लाल सिब्बल, भी एक प्रसिद्ध वकील थे। कपिल ने कानून की शिक्षा अमेरिका के हार्वर्ड लॉ स्कूल से प्राप्त की और सेंट स्टीफेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन और मास्टर की डिग्री हासिल की।


IAS की नौकरी को छोड़ा

कपिल ने 1964 में सेंट स्टीफंस कॉलेज से LLB की डिग्री प्राप्त की और 1969 में इतिहास में एमए किया। 1973 में उनका चयन IAS के लिए हुआ, लेकिन उन्होंने इस प्रतिष्ठित सेवा को छोड़कर अपना खुद का लॉ फर्म स्थापित करने का निर्णय लिया।


राजनीतिक क्षेत्र में, कपिल सिब्बल ने यूपीए शासन के दौरान कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार संभाला। वह तीन दशकों तक कांग्रेस के सक्रिय सदस्य रहे, लेकिन 2022 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी। 1989-1990 के बीच, वह देश के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल रहे। कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के तीन बार अध्यक्ष रह चुके हैं।


राजनीतिक करियर

कपिल सिब्बल ने 1998 में पहली बार राज्यसभा के लिए चुनाव जीता। इसके बाद, 2000-2002 तक वह कांग्रेस संसदीय दल के सचिव रहे। 2004 में, उन्होंने दिल्ली से लोकसभा के लिए चुनाव जीता और यूपीए-1 के दौरान केंद्रीय विज्ञान और तकनीक मंत्री बने। 2009 में, वह दूसरी बार लोकसभा के लिए चुने गए और केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री बने। 05 मई 2016 को, उन्हें फिर से राज्यसभा के लिए चुना गया और 2022 में समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा पहुंचे।