कन्नौज में महिला की हत्या: शातिर चोरों ने की बर्बरता

कन्नौज में हुई बर्बर हत्या की घटना

कन्नौज। हाल ही में कन्नौज में एक महिला की हत्या की घटना ने सभी को हिला कर रख दिया है। पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार ने जानकारी दी कि सूरज कश्यप, जो एक शातिर चोर है, पर लखनऊ के विभिन्न थानों में चोरी और लूट के 19 मामले दर्ज हैं। वह हाल ही में लखनऊ जेल से रिहा हुआ है। पुलिस अब उसके अन्य जिलों में आपराधिक इतिहास की जांच कर रही है।
इस घटना में, टाइल्स मिस्त्री और उसके दामाद ने एक महिला, सुनीता श्रीवास्तव, के साथ बर्बरता की। उन्होंने सुनीता के हाथ-पैर बांधकर उसके मुंह में सीमेंट का मिश्रण भर दिया और फिर उसके सिर पर हथौड़े से वार कर उसकी हत्या कर दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि सुनीता के सिर पर कई चोटें थीं, जिससे यह संकेत मिलता है कि वह हत्यारोपियों से संघर्ष कर रही थी।
कन्नौज के मोहल्ला कुतलूपुर मकरंदनगर में हुई इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया है। सुनीता के शव को घर लाए जाने पर उनकी बेटियों की हालत बिगड़ गई। सुनीता की मौत के बाद, उनके परिवार ने दीपावली पर नए घर में शिफ्ट होने की योजना बनाई थी।
डीआईजी हरीश चंदर ने घटनास्थल का दौरा किया और दोनों बेटियों से जानकारी ली। पुलिस ने हत्या और लूट के आरोपियों जसवंत सिंह उर्फ पंकज चौहान और सूरज कश्यप पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है।
जसवंत और सूरज, जो ससुर और दामाद हैं, पिछले तीन महीनों से सुनीता के घर में टाइल्स का काम कर रहे थे। पुलिस ने बताया कि जसवंत बलरामपुर का निवासी है, जबकि सूरज उन्नाव का है। दोनों की पहचान पिछले पांच सालों में हुई थी।
पुलिस की कई टीमें जसवंत और सूरज की तलाश में जुटी हैं। एक टीम पंजाब गई है, जहां दोनों रह चुके हैं। यूपी में भी कई जिलों में दबिश दी जा रही है।
डीआईजी के निर्देश पर, सुनीता की छोटी बेटी दीया को सुरक्षा के लिए गनर दिया गया है। बड़ी बेटी की सुरक्षा के लिए भी पुलिस तैनात की गई है।
मंत्री असीम अरुण ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया और आश्वासन दिया कि अपराधियों को सजा मिलेगी। सुनीता की बेटियों ने मंत्री से कहा कि अपराधियों को जिंदा नहीं रहना चाहिए।
यह घटना तब हुई जब डकैतों ने महिला और उसकी बेटी को बंधक बना लिया और लाखों की लूट की। सुनीता की हत्या के बाद, उसकी बेटी ने पड़ोसी की छत पर कूदकर अपनी जान बचाई।
पुलिस ने इस मामले में तीन टीमों का गठन किया है ताकि डकैतों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके।