कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव की हिरासत पर कर्नाटक उच्च न्यायालय में याचिका

रान्या राव की हिरासत की वैधता पर सवाल
कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री की अभिनेत्री रान्या राव की मां ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है, जिसमें उनकी बेटी की हिरासत को चुनौती दी गई है। यह याचिका सोने की तस्करी के मामले से संबंधित है। रान्या को 20 मई को आर्थिक अपराधों के विशेष न्यायालय से जमानत मिली थी, लेकिन एक अलग मामले के कारण, जो विदेशी मुद्रा संरक्षण और तस्करी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम, 1974 (कोफेपोसा) के तहत है, वह अभी भी हिरासत में रहेंगी। रान्या राव को 3 मार्च को बेंगलुरु एयरपोर्ट पर 14.8 किलोग्राम सोने की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। विस्तृत तलाशी में उसके शरीर पर सोने की छड़ें छिपाने के लिए पट्टियों और टिश्यू का उपयोग किया गया था। उसके जूतों और जेबों में भी अतिरिक्त सोने की छड़ें पाई गई थीं। जब्त किया गया सोना 24 कैरेट शुद्धता का है, जिसकी कीमत 12.56 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। राव के खिलाफ सीमा शुल्क अधिनियम और तस्करी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सुनवाई और जमानत की स्थिति
सुनवाई के दौरान, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अरविंद कामथ ने अदालत को बताया कि मामले में पहले से ही आपत्तियां दर्ज की जा चुकी हैं। इसके बाद, अदालत ने मामले की सुनवाई को 18 जून तक के लिए स्थगित कर दिया। रान्या राव और अन्य आरोपी तरुण कोंडारू राजू को पिछले महीने आर्थिक अपराध के लिए विशेष अदालत से जमानत मिली थी। उन्हें दो जमानतदार पेश करने और 2-2 लाख रुपये का बांड भरने का निर्देश दिया गया था। जमानत इस शर्त पर दी गई थी कि वे देश नहीं छोड़ेंगे और अपराध को दोबारा नहीं करेंगे। राजस्व खुफिया निदेशालय के अधिकारियों द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर आरोप पत्र प्रस्तुत नहीं करने के कारण यह जमानत दी गई थी। यह आदेश न्यायमूर्ति विश्वनाथ सी गौदर ने जारी किया था।
कोफेपोसा के तहत हिरासत
इस बीच, कोफेपोसा के आरोपों के चलते रान्या राव को निवारक हिरासत में रखा गया है। यह कानून अधिकारियों को तस्करी या विदेशी मुद्रा के संरक्षण के लिए हानिकारक गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों को हिरासत में लेने का अधिकार देता है।