कतर: एक समृद्ध राष्ट्र जहां हर तीसरा व्यक्ति करोड़पति है

कतर की आर्थिक प्रगति
नई दिल्ली/स्वराज टुडे: कतर, जो अब एक समृद्ध राष्ट्र है, कभी एक गरीब देश था। इसकी जनसंख्या 27 लाख है और यहां हर तीसरे व्यक्ति के पास करोड़ों की संपत्ति है। यह देश मध्य पूर्व का एक समृद्ध स्थान है।
यहां गरीबी की स्थिति बहुत कम है और बेरोजगारी दर एक प्रतिशत से भी कम है। पहले कतर तुर्की के अधीन था, फिर ब्रिटिश शासन में आया। 1971 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद, कतर ने तेजी से विकास किया। कतर की समृद्धि का मुख्य कारण तेल और प्राकृतिक गैस का भंडार है।
कतर की जनसंख्या और अर्थव्यवस्था
संयुक्त राष्ट्र ने कतर को एक विकसित अर्थव्यवस्था के रूप में मान्यता दी है। यहां प्रति व्यक्ति आय 62,310 अमेरिकी डॉलर है, जो इसे मध्य पूर्व के 18 देशों में सबसे अमीर बनाता है। कतर की जनसंख्या में केवल 12 प्रतिशत लोग मूल निवासी हैं, जबकि बाकी लोग विभिन्न देशों से काम करने के लिए आए हैं।
कतर की विशेषताएं
कतर चारों ओर से समुद्र से घिरा है और एक तरफ सऊदी अरब से जुड़ा है। आजादी के बाद, कतर ने अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कई प्रयास किए हैं। कतर की मुद्रा कतरी रियाल है, जिसका मूल्य 20.14 रुपये के बराबर है। प्रति व्यक्ति आय के मामले में कतर विश्व में पांचवें स्थान पर है।
यहां के नागरिकों की वार्षिक आय लगभग 94 लाख रुपये है। कतर का कुल क्षेत्रफल 11,581 वर्ग किलोमीटर है।
करों की अनुपस्थिति
कतर प्राकृतिक गैस के क्षेत्र में एक प्रमुख नाम है और इसका विश्व में सबसे बड़ा निर्यातक है। प्राकृतिक गैस से होने वाली आय कतर के लिए बहुत फायदेमंद है। यहां के नागरिकों को आयकर नहीं देना पड़ता और अन्य कर भी बहुत कम हैं। इसके अलावा, बिजली, पानी और चिकित्सा जैसी सुविधाएं नागरिकों के लिए मुफ्त हैं।
कतर का ऐतिहासिक पलायन
100 साल पहले, कतर को रहने के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता था। 1925 तक, यहां की अधिकांश जनसंख्या मछुआरों और खानाबदोशों की थी। 1930-40 के दशक में, कतर में एक गंभीर आर्थिक संकट आया, जिसके कारण 30 प्रतिशत जनसंख्या पलायन कर गई।