ओवैसी का विवादास्पद बयान: 'आई लव मुहम्मद' पोस्टर पर उठे सवाल

एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कानपुर में 'आई लव मुहम्मद' पोस्टरों को लेकर उठे विवाद पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सवाल उठाया कि आस्था की इस अभिव्यक्ति को भड़काऊ क्यों माना जा रहा है। ओवैसी ने धार्मिक स्वतंत्रता का हवाला देते हुए कहा कि प्यार में देशद्रोह नहीं होता। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की और कहा कि यदि 'हैप्पी बर्थडे पीएम मोदी' का पोस्टर हो सकता है, तो 'आई लव मुहम्मद' का पोस्टर क्यों नहीं? इस मुद्दे पर उनकी राय और भी कई सवाल उठाती है।
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ओवैसी का विवादास्पद बयान: 'आई लव मुहम्मद' पोस्टर पर उठे सवाल

ओवैसी की तीखी प्रतिक्रिया

एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को कानपुर में "आई लव मुहम्मद" के पोस्टरों को लेकर उठे विवाद पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सवाल उठाया कि आस्था की इस अभिव्यक्ति को भड़काऊ क्यों माना जा रहा है। ओवैसी ने पूर्णिया में पत्रकारों से कहा कि यदि कोई 'आई लव महादेव' समूह है, तो इसमें क्या समस्या है? यह देश के खिलाफ कैसे हो सकता है? क्या यह किसी प्रकार की हिंसा को बढ़ावा देता है? यदि 'लव' शब्द है, तो किसी को आपत्ति क्यों हो रही है? उन्हें लगता है कि इस संदर्भ में मुगल-ए-आज़म का 'मोहब्बत ज़िंदाबाद' गाना बजाना चाहिए। यदि 'हैप्पी बर्थडे पीएम मोदी' का पोस्टर हो सकता है, तो 'आई लव पैगम्बर मुहम्मद' का पोस्टर क्यों नहीं?


धार्मिक स्वतंत्रता का हवाला

ओवैसी ने यह भी कहा कि प्यार में देशद्रोह क्या है? क्या हम प्यार के माध्यम से हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं? उन्होंने यह भी कहा कि एक मुसलमान तब तक सच्चा मुसलमान नहीं है जब तक वह मोहम्मद को अल्लाह का अंतिम रसूल नहीं मानता। भारत में एशिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी है। उनकी प्रतिक्रिया से क्या संदेश जा रहा है? हैप्पी बर्थडे प्राइम मिनिस्टर और हैप्पी बर्थडे चीफ मिनिस्टर के पोस्टर लगाने की अनुमति है, लेकिन यह नहीं? क्या वे नहीं चाहते कि कोई प्यार की बात करे? हम कहाँ जाएंगे?


संविधान का संदर्भ

ओवैसी ने संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लेख करते हुए कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता एक मौलिक अधिकार है। उन्होंने कहा, "इसमें राष्ट्र-विरोधी क्या है? इसका कौन सा हिस्सा हिंसा को बढ़ावा देता है? एक मुसलमान का ईमान तब तक पूरा नहीं होता जब तक वह दुनिया की हर चीज़ से ज्यादा पैगम्बर मुहम्मद से प्यार न करे। इस पर आपत्ति जताकर आप दुनिया को क्या संदेश दे रहे हैं?" उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वहां चुनिंदा पाबंदियाँ लगाई जा रही हैं।


विवाद की पृष्ठभूमि

यह विवाद 9 सितंबर को तब शुरू हुआ जब कानपुर पुलिस ने 4 सितंबर को बारावफ़ात के जुलूस के दौरान "आई लव मोहम्मद" के बोर्ड लगाने के आरोप में नौ लोगों और 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। हिंदू समूहों ने इसे "नया चलन" और जानबूझकर उकसाने वाला कदम बताया। ओवैसी ने सोशल मीडिया पर इन पोस्टरों का समर्थन करते हुए कहा कि "आई लव मोहम्मद कहना कोई अपराध नहीं है," जिससे मामला और भी चर्चा में आ गया।