ओवैसी का मोदी-फडणवीस सरकार पर तीखा हमला, नेतन्याहू को बताया गुंडा

ओवैसी ने मोदी पर किया हमला

ओवैसी ने पीएम मोदी पर हमला किया
असदुद्दीन ओवैसी ने अहमदनगर में एक जनसभा के दौरान मोदी-फडणवीस सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने किसानों की कर्ज माफी, झूठे वादों और दलितों पर बढ़ते अत्याचारों के मुद्दों पर सवाल उठाए। इसके साथ ही, ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में बुलडोजर कार्रवाई का भी जिक्र किया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा नेतन्याहू की प्रशंसा की कड़ी निंदा की। ओवैसी ने नेतन्याहू को ‘दुनिया का सबसे बड़ा गुंडा’ करार दिया और फ़िलिस्तीनियों पर हो रहे अत्याचारों का उल्लेख किया।
असदुद्दीन ओवैसी ने सभा में कहा कि महाराष्ट्र में बारिश हो चुकी है। फडणवीस मोदी की तरह ही झूठे वादे कर रहे हैं और उनके नक्शे-कदम पर चल रहे हैं। 10 हज़ार करोड़ रुपए NDRF से आने वाले हैं, लेकिन उन्होंने केवल फर्जी आश्वासन दिए हैं। किसानों ने बीमा कराया है, लेकिन प्रीमियम किसान ही चुका रहे हैं, और ये लोग कहते हैं कि हमने किया। असल में किसानों का कर्ज माफ करो!
ओवैसी ने कहा कि जब आप (फडणवीस) विपक्ष में थे, तब आपने ठाकरे को पत्र लिखा था। अब आप मोदी के पास जाइए और किसानों का कर्ज माफ कराइए।
नेतन्याहू को ओवैसी ने बताया गुंडा
असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोदी ने ट्रंप को बधाई दी है और नेतन्याहू की लीडरशिप की प्रशंसा की है। ओवैसी ने नेतन्याहू को दुनिया का सबसे बड़ा गुंडा बताया है। उन्होंने कहा कि उसने 65 हजार लोगों की हत्या की और 12 लाख लोगों को बेघर कर दिया। इसके बावजूद मोदी उसकी विचारधारा की तारीफ कर रहे हैं। हम इसका विरोध करते हैं, जो फिलिस्तीनियों का नरसंहार कर रहा है।
योगी सरकार पर ओवैसी का हमला
असदुद्दीन ओवैसी ने योगी सरकार पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में दलितों पर अत्याचार और केस दर्ज होने की संख्या सबसे अधिक है। यहां अब तक 15 हज़ार मामले दर्ज हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) कहते हैं, गोली मारो, बटेंगे तो कटेंगे और बुलडोजर चलाते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि इसका परिणाम क्या हुआ? आज कोर्ट में जज के मुंह पर जूता फेंका गया और वह कहते हैं कि सनातन धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कहां हैं वो कोर्ट, कहां हैं वो वकील? आज आंदोलन क्यों नहीं हो रहा है? क्योंकि जूता दलित पर फेंका गया?
उन्होंने कहा कि डॉ. आंबेडकर ने जब हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपनाया था, तब उस जस्टिस के पिता वहां मौजूद थे। एक ऑर्डर पास नहीं हुआ और सनातन धर्म के अपमान के नाम पर जूता फेंक दिया गया। मोहन भागवत कहते हैं कि जातिवाद खत्म करेंगे, लेकिन आज जब दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं, उन्होंने मुंह तक नहीं खोला है।