ओवैसी का पहलगाम हमले पर बयान: क्या होता अगर वे प्रधानमंत्री होते?

ओवैसी का बयान

असदुद्दीन ओवैसी
AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के संदर्भ में अपनी कल्पना साझा की। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री बनने का कोई शौक नहीं है, बल्कि वे वास्तविकता को समझते हैं और अपनी सीमाओं को जानते हैं। ओवैसी ने यह भी कहा कि एक भारतीय नागरिक के नाते, उन्हें लगता है कि पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को जवाब देने का सही अवसर था।
उन्होंने सवाल उठाया कि यह मौका क्यों रुक गया? ओवैसी ने कहा कि जब पूरा देश जवाब देने के लिए तैयार था, तो अचानक ऑपरेशन क्यों रोक दिया गया? अब संसद में पीओके पर चर्चा करने का क्या मतलब है?
VIDEO | Pune: During a press conference, AIMIM Chief Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) says, One progressive step Muslims can take is to remove from their hearts and minds the notion that the party they consider secular is not communal, while the BJP is. Both can be equally pic.twitter.com/8QGvh2PAhC
— Press Trust of India (@PTI_News) September 30, 2025
ऑपरेशन सिंदूर की स्थिति
ओवैसी ने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर को रोका गया है, लेकिन यह समाप्त नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा 26 लोगों की हत्या के बाद भारत ने सैन्य कार्रवाई की थी। AIMIM प्रमुख ने हाल ही में एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान भारत के पाकिस्तान के प्रति रवैये की भी आलोचना की। इसके अलावा, उन्होंने घोषणा की कि AIMIM महाराष्ट्र में आगामी नगर निगम चुनावों में भाग लेगी।
आई लव मुहम्मद विवाद पर ओवैसी ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां सभी समुदाय अपने धार्मिक विश्वासों पर गर्व करते हैं। उन्होंने कहा कि पैगंबर मोहम्मद मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं और अनुच्छेद 25 धर्म की स्वतंत्रता की गारंटी देता है। यदि कोई हिंसा की सोच रखता है, तो वह गलत है। भारत एक ऐसा देश है जहां कोई एक धर्म नहीं है, लेकिन बीजेपी और आरएसएस केवल एक धर्म को मानते हैं। संविधान कहता है कि यह देश किसी एक धर्म का नहीं है।