ओवैसी का चुनाव आयोग पर आरोप: बिहार में गुप्त एनआरसी लागू करने का दावा
असदुद्दीन ओवैसी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है कि वह बिहार में गुप्त रूप से राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू कर रहा है। उन्होंने कहा कि नए नियमों के तहत नागरिकों को अपने और अपने माता-पिता के जन्म विवरण को दस्तावेजों के माध्यम से साबित करना होगा, जो गरीबों के लिए मुश्किल होगा। ओवैसी ने चेतावनी दी कि इससे बड़ी संख्या में गरीब लोग वोटर लिस्ट से बाहर हो सकते हैं, जो उनके संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन है।
Jun 28, 2025, 12:55 IST
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ओवैसी का गंभीर आरोप
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है कि वह बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले गुप्त रूप से राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू कर रहा है। ओवैसी ने कहा कि नए नियमों के अनुसार, नागरिकों को अपने और अपने माता-पिता के जन्म संबंधी जानकारी को दस्तावेजों के माध्यम से प्रमाणित करना होगा, जो कि कई गरीब लोगों, विशेषकर बाढ़ प्रभावित सीमांचल क्षेत्र में, के पास नहीं है।
ओवैसी ने अपने एक्स पोस्ट में कहा कि निर्वाचन आयोग बिहार में एनआरसी को छिपे तरीके से लागू कर रहा है। अब हर नागरिक को वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराने के लिए यह साबित करना होगा कि वे कब और कहाँ पैदा हुए थे, साथ ही उनके माता-पिता का जन्म विवरण भी प्रस्तुत करना होगा। विश्वसनीय आंकड़ों के अनुसार, केवल तीन-चौथाई जन्म ही पंजीकृत होते हैं, और सरकारी दस्तावेजों में अक्सर गलतियाँ होती हैं।
उन्होंने आगे कहा कि सीमांचल क्षेत्र के लोग अत्यंत गरीब हैं और मुश्किल से दो बार भोजन कर पाते हैं। ऐसे में उनसे यह अपेक्षा करना कि उनके पास अपने माता-पिता के दस्तावेज होंगे, यह एक क्रूर मजाक है। इस प्रक्रिया का परिणाम यह होगा कि बिहार के गरीबों की एक बड़ी संख्या वोटर लिस्ट से बाहर हो जाएगी। वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराना हर भारतीय का संवैधानिक अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने 1995 में ऐसी मनमानी प्रक्रियाओं पर कड़ी आपत्ति जताई थी। चुनाव के निकट इस तरह की कार्रवाई से लोगों का निर्वाचन आयोग पर विश्वास कमजोर होगा।