ओवैसी का केंद्र सरकार पर हमला: बेरोजगारी में पीएफ निकासी के नियमों में बदलाव

AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर बेरोजगारी के समय पीएफ निकासी के नियमों में बदलाव को लेकर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि पहले जहां कर्मचारी 1-2 महीने में अपने पीएफ का पैसा निकाल सकते थे, अब इसके लिए 13 साल का इंतजार करना होगा। ओवैसी ने EPFO के पास पड़े अनक्लेम्ड पीएफ के बड़े हिस्से और हर साल रिजेक्ट होने वाले निकासी आवेदनों पर भी सवाल उठाए। विपक्ष का आरोप है कि सरकार जनता की मेहनत की कमाई का मनमाना उपयोग कर रही है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
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ओवैसी का केंद्र सरकार पर हमला: बेरोजगारी में पीएफ निकासी के नियमों में बदलाव

ओवैसी का बयान

ओवैसी का केंद्र सरकार पर हमला: बेरोजगारी में पीएफ निकासी के नियमों में बदलाव

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी

AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा पीएफ निकासी के नियमों में हालिया बदलाव पर सवाल उठाए हैं। ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि बेरोजगारी के इस दौर में सरकार का 'बचत उत्सव' चल रहा है। पहले आप 1-2 महीने में पीएफ निकाल सकते थे, लेकिन अब इसके लिए 13 साल का इंतजार करना होगा। यह आपके पैसे हैं, लेकिन अब इन्हें पाने के लिए सरकार की दया पर निर्भर रहना होगा।

उन्होंने आगे कहा कि "पीएफ का 25% एक साल तक लॉक रहेगा। इसका मतलब है कि बेरोजगारी के समय आपको एक साल तक इंतजार करना होगा और तब भी आप अपना पूरा पैसा नहीं निकाल सकते। EPFO आपके पैसों का मालिक बन गया है।" इस प्रकार, बेरोजगारी के समय भी आपको अपने पैसे की तुरंत जरूरत नहीं मिलेगी।

सरकार के पास अनक्लेम्ड पीएफ का बड़ा हिस्सा

ओवैसी ने यह भी बताया कि EPFO के पास वर्तमान में 54,658 करोड़ रुपये का 'अनक्लेम्ड PF' पड़ा है। ये वे पैसे हैं जिन पर न तो किसी कर्मचारी का दावा है और न ही उन्हें निकाला गया है। इसके अलावा, हर साल 25-35% पीएफ निकासी के आवेदन अस्वीकृत हो जाते हैं, जिससे लाखों कर्मचारियों को आर्थिक संकट के समय राहत नहीं मिलती। इससे पहले भी कई विपक्षी नेता EPFO के इस बदलाव पर सवाल उठा चुके हैं।

सरकार पर आरोप

विपक्ष का कहना है कि सरकार जनता की मेहनत की कमाई को रोककर उसका मनमाना उपयोग कर रही है, जबकि लोग संकट के समय अपने ही पैसे के लिए तरस रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि कर्मचारियों को अपने पैसे के लिए इतना लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। आखिर यह क्या हो रहा है? सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए। इस स्थिति में कर्मचारियों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो सकता है। सरकार को इन सवालों का उत्तर देना चाहिए।

पहले के नियमों की जानकारी

पहले, पूरा पैसा निकालने की अनुमति केवल रिटायरमेंट या बेरोजगारी की स्थिति में ही मिलती थी। पहले बेरोजगारी में एक महीने बाद 75% और दो महीने बाद बाकी 25% पैसा निकाला जा सकता था। रिटायरमेंट पर एक बार में पूरा पैसा मिल जाता था। लेकिन अब इन नियमों में बदलाव किया गया है।