ओडिशा में प्रवासी मजदूर की हत्या: बांग्लादेशी होने के शक में हमला
ओडिशा में प्रवासी मजदूर की हत्या का मामला
ओडिशा के संबलपुर जिले में एक प्रवासी मजदूर की हत्या कर दी गई, जब कुछ लोगों ने उसे 'बांग्लादेशी' समझकर पीटना शुरू कर दिया। पुलिस ने बताया कि यह घटना तब हुई जब छह व्यक्तियों ने पश्चिम बंगाल के मजदूरों के एक समूह को रोका, उनसे बीड़ी मांगी और उनके आधार कार्ड की जांच करने की मांग की। इस हमले में एक मजदूर की जान चली गई और कई अन्य घायल हुए।
पुलिस के अनुसार, यह हिंसा बुधवार रात बीड़ी को लेकर हुए विवाद के बाद भड़की। हालांकि, पीड़ितों और उनके परिवार का कहना है कि उन पर बांग्लादेशी होने के संदेह में हमला किया गया।
पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इस घटना को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा चलाए जा रहे 'बंगालियों के खिलाफ अभियान' का परिणाम बताया है।
घटना का विवरण और पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने बताया कि इस मामले में छह संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। मृतक जुएल शेख (30) पश्चिम बंगाल का निवासी था और वह अन्य मजदूरों के साथ एक निर्माण स्थल पर काम कर रहा था। जब वे खाना बना रहे थे, तभी हमलावरों ने उनसे बीड़ी मांगी। इनकार करने पर, उन्होंने आधार कार्ड दिखाने को कहा, जिसके बाद विवाद बढ़ गया।
इस दौरान जुएल शेख को गंभीर चोटें आईं और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। एक अन्य मजदूर मजर खान ने आरोप लगाया कि हमलावरों ने उन्हें बांग्लादेशी कहकर गालियाँ दीं और जुएल पर हमला किया।
पुलिस महानिरीक्षक हिमांशु कुमार लाल ने कहा कि आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले की जांच जारी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हत्या का कारण पीड़ित का बांग्लादेशी होना नहीं था।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जुएल शेख की हत्या का कारण यह था कि आरोपियों को संदेह था कि वह अवैध बांग्लादेशी प्रवासी है। पार्टी ने इस घटना को भाजपा के 'बंगाली विरोधी अभियान' का परिणाम बताया है।
पार्टी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि भाजपा नेताओं ने लंबे समय से बांग्ला बोलने वाले भारतीयों को घुसपैठिया और संदिग्ध बताकर पेश किया है। हालांकि, पुलिस ने इस आरोप का खंडन करते हुए कहा कि हत्या का इस बात से कोई संबंध नहीं है कि पीड़ित बंगाली था या बांग्लादेशी।
