ओडिशा में नेपाली छात्रा की मौत पर सरकार का हस्तक्षेप, गिरफ्तारियां हुईं

ओडिशा सरकार की कार्रवाई
भुवनेश्वर से संवाददाता। कीट विश्वविद्यालय में बीटेक की तीसरे वर्ष की नेपाली छात्रा की संदिग्ध मौत के मामले में ओडिशा सरकार ने मंगलवार को हस्तक्षेप किया। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस घटना की निंदा की थी और भारत सरकार से कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद ओडिशा सरकार ने भी मामले में कदम उठाए।
मंगलवार शाम को कीट के तीन निदेशकों, शिवानंद मिश्र, प्रताप कुमार, और सुधीर कुमार रथ के साथ-साथ दो सुरक्षाकर्मियों को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा, लखनऊ के निवासी आद्विक श्रीवास्तव को भी हिरासत में लिया गया है। ओडिशा के शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज कुमार ने कीट प्रबंधन से सवाल किया कि इस गंभीर घटना की जानकारी विभाग को क्यों नहीं दी गई। उन्होंने सभी छात्रों को वापस बुलाने का निर्देश दिया है। अब तक 1800 नेपाली छात्रों में से 300 छात्र कीट में लौट चुके हैं, लेकिन उन्हें हॉस्टल से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री के आदेश के बाद, मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें शिक्षा विभाग के सचिव अरविंद अग्रवाल को अध्यक्ष बनाया गया है। इस समिति में गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव और महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव भी शामिल हैं।
छात्रा के शव का पोस्टमार्टम
छात्रा के शव का हुआ पोस्टमार्टम
- मृतक नेपाली छात्रा का शव बुधवार को भुवनेश्वर के एम्स में पोस्टमार्टम किया गया। यह प्रक्रिया भुवनेश्वर के उप जिलाधीश की उपस्थिति में संपन्न हुई।
- इस दौरान मृतका के पिता और एक रिश्तेदार भी मौजूद थे। संभावना है कि छात्रा का शव गुरुवार को विमान के माध्यम से नेपाल भेजा जाएगा।
विरोध प्रदर्शन की लहर
जगह-जगह विरोध प्रदर्शन
नेपाली छात्रा की मौत के बाद कीट प्रबंधन के खिलाफ नव निर्माण छात्र संगठन और अन्य छात्र संगठनों ने कटक और भुवनेश्वर में विरोध प्रदर्शन किया। नव निर्माण छात्र संगठन ने कीट के गेट नंबर चार पर अपना प्रदर्शन जारी रखा। उल्लेखनीय है कि रविवार की रात, प्रकृति लामसल नामक छात्रा ने अपने हॉस्टल के कमरे में आत्महत्या कर ली थी, जिससे विश्वविद्यालय परिसर में हड़कंप मच गया।