ओडिशा में नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, चार मारे गए
ओडिशा में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है, जिसमें चार नक्सली मारे गए हैं। कंधमाल जिले में हुई मुठभेड़ में सीपीआई (माओवादी) के केंद्रीय समिति सदस्य गणेश उइके भी शामिल हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने इसे नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ी उपलब्धि बताया है। जानें इस कार्रवाई के पीछे की पूरी कहानी और सुरक्षा बलों की आगे की रणनीति।
| Dec 25, 2025, 22:42 IST
ओडिशा में नक्सल विरोधी अभियान की सफलता
ओडिशा में नक्सल विरोधी अभियान लंबे समय से चल रहा है, लेकिन गुरुवार को सुरक्षा बलों को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। कंधमाल जिले में हुई मुठभेड़ में प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) के केंद्रीय समिति सदस्य और ओडिशा ऑपरेशन प्रमुख गणेश उइके सहित चार नक्सली मारे गए हैं। इस घटना के साथ ही पिछले तीन दिनों में मारे गए नक्सलियों की कुल संख्या छह हो गई है।
यह मुठभेड़ गंजाम–कंधमाल सीमा क्षेत्र में तब हुई जब सुरक्षा बलों को नक्सलियों की मौजूदगी की पुख्ता जानकारी मिली। इसके बाद स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप, सीआरपीएफ, बीएसएफ और कंधमाल पुलिस की संयुक्त टीम ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। गुरुवार सुबह विभिन्न स्थानों पर रुक-रुक कर गोलीबारी हुई, जिसमें चार नक्सली ढेर हो गए।
जानकारी के अनुसार, मारे गए नक्सलियों में 69 वर्षीय गणेश उइके भी शामिल हैं, जो तेलंगाना के नलगोंडा जिले का निवासी था और संगठन में एक प्रमुख भूमिका निभाता था। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वह सीपीआई (माओवादी) की केंद्रीय समिति का सक्रिय सदस्य था और ओडिशा में संगठन की गतिविधियों का संचालन कर रहा था।
ओडिशा के पुलिस महानिदेशक वाई. बी. खुरानिया ने बताया कि इस कार्रवाई में दो इंसास राइफल और एक .303 राइफल बरामद की गई हैं। उन्होंने कहा कि यह माओवादी संगठन के लिए एक बड़ा झटका है और इससे राज्य में उनकी गतिविधियों पर गंभीर असर पड़ेगा।
गौरतलब है कि पिछले तीन वर्षों में सुरक्षाबलों ने खुफिया एजेंसियों के सहयोग से माओवादी नेतृत्व को लगातार निशाना बनाया है। कभी 21 केंद्रीय समिति सदस्यों वाला यह संगठन अब घटकर पांच से भी कम रह गया है। संगठन के भीतर नए कैडर तैयार करने में भी गंभीर चुनौतियाँ सामने आ रही हैं।
इससे पहले बुधवार को भी कंधमाल जिले के बेलघर थाना क्षेत्र में मुठभेड़ हुई थी, जिसमें दो नक्सली मारे गए थे। अधिकारियों के अनुसार, अब तक किसी भी सुरक्षाकर्मी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
गृह मंत्री अमित शाह ने इस कार्रवाई को नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा है कि देश 31 मार्च 2026 से पहले पूरी तरह नक्सल मुक्त होगा। उन्होंने इसे “नक्सल मुक्त भारत” की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम करार दिया है।
फिलहाल, इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है और सुरक्षा एजेंसियां आशंका जता रही हैं कि कुछ नक्सली अब भी जंगलों में छिपे हो सकते हैं।
