ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज टेस्ट में थर्ड अंपायर के विवादास्पद फैसले

ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच चल रहे पहले टेस्ट मैच में थर्ड अंपायर के निर्णयों ने विवाद को जन्म दिया है। वेस्टइंडीज के कोच डैरेन सैमी ने अंपायरिंग पर गंभीर आरोप लगाए हैं, यह कहते हुए कि फैसले खेल को नुकसान पहुँचा रहे हैं। जानें इस मैच में हुए विवादास्पद फैसलों के बारे में और कैसे ये निर्णय मैच के परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं।
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ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज टेस्ट में थर्ड अंपायर के विवादास्पद फैसले

विवादास्पद अंपायरिंग पर चर्चा

ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच चल रहे पहले टेस्ट मैच में थर्ड अंपायर के निर्णयों को लेकर बहस छिड़ गई है। पहले दो दिनों में कई विवादास्पद फैसले सामने आए हैं, जिससे खेल में असहमति उत्पन्न हुई है। वेस्टइंडीज के मुख्य कोच डैरेन सैमी ने थर्ड अंपायर एड्रियन होल्डस्टॉक पर गंभीर आरोप लगाए हैं, यह कहते हुए कि उनके निर्णय खेल को नुकसान पहुँचा रहे हैं और संदेह पैदा कर रहे हैं।




ब्रिजटाउन में ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट मैच में अब तक चार ऐसे डीआरएस फैसले लिए गए हैं, जिन पर खिलाड़ियों, कोच और कमेंटेटरों ने सवाल उठाए हैं।




ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में, जब ट्रेविस हेड के बल्ले से शमार जोसेफ की गेंद पर हल्का अंदरूनी किनारा लगा और विकेटकीपर शाई होप ने कैच लपका, तो मामला थर्ड अंपायर के पास गया। अल्ट्रा एज में गेंद के बल्ले से टकराने का स्पष्ट प्रमाण था, और होप ने सॉफ्ट कैच भी पकड़ा, लेकिन थर्ड अंपायर ने पर्याप्त सबूत न होने का हवाला देते हुए हेड को नॉटआउट करार दिया।




इसके बाद, दूसरे दिन की शुरुआत में, रोस्टन चेज को जॉश हेजलवुड की गेंद पर अपील के बाद नॉटआउट दिया गया। डीआरएस में थर्ड अंपायर ने यह माना कि गेंद पहले बैट से लगी थी, इसलिए उन्हें नॉटआउट करार दिया गया। लेकिन 50वें ओवर में चेज को पैट कमिंस की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट करार दिया गया। इस बार डीआरएस में अल्ट्रा एज पर स्पाइक्स दिखाई दिए, जो यह दर्शाते हैं कि गेंद बल्ले से छू रही थी, फिर भी थर्ड अंपायर ने कहा कि बल्ले और गेंद के बीच गैप था और चेज को आउट करार दिया गया। इस फैसले पर कमेंटेटर इयान बिशप ने कहा कि, 'मैं इस निर्णय से सहमत नहीं हूं क्योंकि गेंद पहले बैट से लगी है।'




इन सभी फैसलों के बाद, वेस्टइंडीज के कोच डैरेन सैमी ने दिन के खेल के अंत में स्पष्ट शब्दों में कहा कि, 'आप नहीं चाहते कि मैच के दौरान निर्णय अंपायरों के पास जाएं, लेकिन जब एक के बाद एक ऐसे फैसले होते हैं, तो सवाल उठाना आवश्यक हो जाता है।' उन्होंने यह भी कहा कि इन गलतियों का प्रभाव केवल स्कोरबोर्ड पर नहीं, बल्कि मैच के परिणाम पर भी पड़ता है।