ऑपरेशन सिंदूर: एक नए युद्ध की शुरुआत का संकेत

जनरल अनिल चौहान ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के महत्व को उजागर करते हुए बताया कि यह एक नए प्रकार के युद्ध की शुरुआत है। उन्होंने इस ऑपरेशन के दौरान अपनाई गई रणनीतियों और तकनीकी श्रेष्ठता पर चर्चा की। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद शुरू किया गया था, जिसमें कई पर्यटक मारे गए थे। जनरल चौहान ने बच्चों को साहसिक यात्रा पर निकलने और सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। जानें इस ऑपरेशन की विशेषताएँ और इसके पीछे की सोच।
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ऑपरेशन सिंदूर: एक नए युद्ध की शुरुआत का संकेत

ऑपरेशन सिंदूर का महत्व

प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान ने बृहस्पतिवार को बताया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' ने एक नए प्रकार के युद्ध की शुरुआत की है, जिसने यह सुनिश्चित किया कि हर हमले में भारत ने पाकिस्तान को निर्णायक रूप से पराजित किया।


उन्होंने कहा कि यह युद्ध पारंपरिक युद्ध के विपरीत भूमि, वायु, समुद्र और साइबर क्षेत्रों में लड़ा गया।


ऑपरेशन की रणनीति

जनरल चौहान ने यह भी बताया कि ऑपरेशन के दौरान पहला हमला रात एक बजे किया गया, ताकि सीमा पार नागरिक हताहतों से बचा जा सके।


उन्होंने कहा, 'यह एक नए प्रकार का युद्ध था... पहले हम जीत को क्षेत्र पर कब्जे, नष्ट किए गए उपकरणों की संख्या या पकड़े गए युद्धबंदियों की संख्या के आधार पर मानते थे।'


तकनीकी श्रेष्ठता

जनरल चौहान ने कहा, 'यहां जीत का एक पैमाना हमारे हमले की उच्च तकनीक थी, जिसका प्रदर्शन ऑपरेशन के दौरान हुआ।'


उन्होंने बताया कि रात के समय लंबी दूरी के लक्ष्यों पर सटीक हमले के लिए विशेष प्रयासों की आवश्यकता थी।


आतंकवादी हमले का संदर्भ

'ऑपरेशन सिंदूर' जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद शुरू किया गया था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक शामिल थे।


बच्चों को प्रेरित करना

अनिल चौहान ने स्कूली बच्चों से कहा कि वे मोबाइल स्क्रीन और डिजिटल दुनिया से आगे बढ़ें और उन साहसिक स्थलों की यात्रा करें, जिनकी कोई धनराशि गारंटी नहीं दे सकती।


उन्होंने बच्चों को सशस्त्र बलों में शामिल होने की प्रेरणा दी।