ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए गोल्डन आवर का महत्व

ऑनलाइन बैंकिंग और डिजिटल भुगतान के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ रहे हैं। इस लेख में, हम गोल्डन आवर के महत्व पर चर्चा करेंगे, जो धोखाधड़ी के तुरंत बाद की अवधि है जब आप अपने पैसे वापस पाने की अधिकतम संभावना रखते हैं। जानें कि आपको कितनी जल्दी शिकायत करनी चाहिए और किस तरह से आप अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
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ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए गोल्डन आवर का महत्व

ऑनलाइन फ्रॉड और गोल्डन आवर


न्यूज़11 भारत 


रांची/डेस्क: आजकल ऑनलाइन बैंकिंग और डिजिटल भुगतान के उपयोग में तेजी आई है, जिससे साइबर धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ गए हैं। धोखेबाज अक्सर फर्जी लिंक या तस्वीरें भेजकर लोगों को ठगते हैं, या ओटीपी मांगकर उनकी मेहनत की कमाई चुरा लेते हैं। कई लोग डर या शर्म के कारण अपनी समस्याओं को साझा नहीं करते और सोचते हैं कि वे खुद ही इसे सुलझा लेंगे। यह उनकी सबसे बड़ी गलती होती है। धोखाधड़ी के तुरंत बाद कार्रवाई करना और शिकायत करना आवश्यक है। आइए जानते हैं कि आपको कितनी जल्दी शिकायत करनी चाहिए।


गोल्डन आवर की परिभाषा


गोल्डन आवर वह समय होता है जब सही कदम उठाने पर आप अपने पैसे वापस पा सकते हैं। ऑनलाइन धोखाधड़ी के बाद पहले 30 से 60 मिनट बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान यदि आप जल्दी से शिकायत करते हैं, तो पुलिस आपके पैसे को साइबर ठगों के हाथों से बचा सकती है।


शिकायत करने का महत्व


साइबर ठग अत्यंत चालाक होते हैं। जैसे ही पैसे आपके खाते से निकाले जाते हैं, वे तुरंत उसे अन्य खातों में ट्रांसफर कर देते हैं। उदाहरण के लिए, यदि मुंबई में धोखाधड़ी हुई है, तो कुछ ही मिनटों में पैसे पुणे, दिल्ली, केरल होते हुए कश्मीर तक पहुंच सकते हैं। पुलिस के लिए हर खाते का पता लगाना मुश्किल होता है, लेकिन यदि आप 5-10 मिनट में शिकायत कर देते हैं, तो पुलिस आपके खाते को फ्रीज करवा सकती है और आपके पैसे ठगों के हाथ लगने से रोक सकती है।


शिकायत कितनी जल्दी करें?


साइबर अधिकारियों के अनुसार, यदि धोखाधड़ी 6 बजे हुई है, तो आपको 6:05 या 6:10 तक शिकायत करनी चाहिए। ताकि 6:20 तक पुलिस या बैंक आपके खाते को ब्लॉक कर सके और आपके पैसे सुरक्षित रह सकें। इसका मतलब है कि धोखाधड़ी के बाद पहले 5 से 15 मिनट आपके लिए असली गोल्डन टाइम हो सकते हैं।


कहाँ करें शिकायत?


यदि आप फोन से शिकायत करना चाहते हैं, तो 1930 पर कॉल करें, जो साइबर क्राइम का हेल्पलाइन नंबर है। ऑनलाइन रिपोर्ट के लिए www.cybercrime.gov.in पर जाएं। आप नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर एफआईआर भी दर्ज कर सकते हैं।


ध्यान रखने योग्य बातें


धोखाधड़ी होने पर डरें नहीं, तुरंत शिकायत करें। जानकारी को किसी से छुपाएं नहीं। तुरंत 1930 पर कॉल करें। सोशल मीडिया पर मदद मांगने से पहले पुलिस को सूचित करें। यदि आपके खाते में कोई संदिग्ध लेन-देन या गतिविधि दिखे, तो तुरंत बैंक को सूचित करें।