एसिड रिफ्लक्स के लिए हानिकारक हेल्दी फूड्स

स्वास्थ्य संबंधी सुझाव:
जब हम स्वस्थ आहार की चर्चा करते हैं, तो आमतौर पर फल, नट्स, जैतून का तेल और स्मूदी जैसी चीजें दिमाग में आती हैं, जो हमारे शरीर के लिए लाभकारी होती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये हेल्दी फूड्स कभी-कभी हमारे पाचन तंत्र को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं? विशेष रूप से, यदि आपको एसिड रिफ्लक्स की समस्या है, तो कुछ हेल्दी खाद्य पदार्थ आपकी परेशानी को बढ़ा सकते हैं।
एसिड रिफ्लक्स एक सामान्य पाचन समस्या है, जिसमें पेट का एसिड भोजन की नली में वापस आ जाता है। इसके परिणामस्वरूप सीने और गले में जलन होती है, जिसे हार्टबर्न के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं कि कौन से हेल्दी फूड्स आपकी सेहत को अनजाने में नुकसान पहुंचा सकते हैं।
हेल्दी फैट्स – सीमित मात्रा में सेवन करें
कई लोग हेल्दी फैट्स जैसे जैतून का तेल, काजू, बादाम, अखरोट या एवोकाडो को अपने दैनिक आहार में शामिल करते हैं। लेकिन जब इनका सेवन अत्यधिक किया जाता है, तो ये पाचन को धीमा कर सकते हैं। धीमा पाचन एसिड रिफ्लक्स को बढ़ा सकता है, जिससे सीने में जलन और असुविधा महसूस होती है।
हर्बल चाय भी जलन का कारण बन सकती है
चाय के प्रति हमारी पसंद भिन्न होती है – कुछ लोग हरी चाय पसंद करते हैं, जबकि अन्य मिंट या हर्बल चाय। लेकिन ये सभी चाय एसिड रिफ्लक्स से पीड़ित लोगों के लिए उपयुक्त नहीं होतीं। मिंट और हरी चाय, दोनों ही LES (Lower Esophageal Sphincter) को रिलैक्स कर देती हैं, जिससे पेट का एसिड ऊपर की ओर आ सकता है। इससे सीने में जलन हो सकती है।
फल – सेहतमंद लेकिन सावधानी आवश्यक
फल एक स्वस्थ आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। लेकिन खट्टे फल जैसे संतरा, नींबू, मौसंबी या अनानास एसिड रिफ्लक्स को बढ़ा सकते हैं। यदि आपको पहले से ही सीने में जलन की समस्या है, तो इन फलों से बचना बेहतर होगा। इसके बजाय, आप केले, नाशपाती, खरबूजा या तरबूज का चयन कर सकते हैं – लेकिन ध्यान रखें कि ये फल अधिक पके न हों। अत्यधिक पके फल भी गैस और एसिडिटी को बढ़ा सकते हैं।
काबुली चना और हमस – सभी के लिए नहीं
फाइबर और प्रोटीन से भरपूर हमस आजकल हेल्थ डाइट का हिस्सा बन चुका है। लेकिन जिन लोगों का पाचन तंत्र कमजोर होता है, उनके लिए हमस या काबुली चना खाना भारी पड़ सकता है। अधिक फाइबर पेट में गैस पैदा कर सकता है, जिससे एसिड रिफ्लक्स की समस्या और बढ़ सकती है।
स्मूदी – हेल्दी लेकिन कब और कैसे?
स्मूदीज़ को आजकल सुपरफूड माना जाता है, खासकर जब वे ताजे फलों और दही से बनी हों। लेकिन यदि स्मूदी में खट्टे फल अधिक हों या आप इसे खाली पेट पी लें, तो यह ब्लॉटिंग और एसिडिटी को बढ़ा सकती है। बेहतर है कि स्मूदी को दिन में हल्की भूख के समय पिया जाए और इसमें नींबू, संतरा जैसे एसिडिक फलों से परहेज किया जाए।