एस टी हसन ने कांवड़ यात्रा के दौरान धार्मिक पहचान की जांच की निंदा की

पूर्व सांसद एस टी हसन ने कांवड़ यात्रा के दौरान कुछ हिंदू संगठनों द्वारा भोजनालयों की धार्मिक पहचान की जांच की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे आतंकवाद के समान बताया और उत्तराखंड सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया। हसन ने केंद्र और राज्य सरकारों से इस प्रकार की सांप्रदायिक प्रथाओं पर रोक लगाने की अपील की है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और उत्तराखंड सरकार ने क्या कदम उठाए हैं।
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एस टी हसन ने कांवड़ यात्रा के दौरान धार्मिक पहचान की जांच की निंदा की

एस टी हसन की कड़ी प्रतिक्रिया

पूर्व सांसद और समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता एस टी हसन ने बुधवार को कांवड़ यात्रा के मार्ग पर कुछ हिंदू संगठनों द्वारा भोजनालयों की धार्मिक पहचान की जांच करने की गतिविधियों की तीखी आलोचना की। उन्होंने इसे आतंकवाद के समकक्ष बताया। हसन ने कहा कि होटल के कर्मचारियों और स्थानीय विक्रेताओं से उनके नाम पूछना और उन्हें अपने धर्म की पहचान के लिए कपड़े उतारने के लिए मजबूर करना, यह पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा की गई हरकतों से भिन्न नहीं है। यह भी आतंकवाद का एक रूप है।


उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसी घटनाएं खुलेआम हो रही हैं, जबकि उत्तराखंड सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए है।


राज्य सरकार की चुप्पी पर सवाल

हसन ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य सरकार इन कृत्यों का मौन समर्थन कर रही है। भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में इस तरह का व्यवहार अत्यंत शर्मनाक है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए। यह टिप्पणी उत्तराखंड के विभिन्न शहरों में स्थानीय हिंदू संगठनों द्वारा भोजनालय कर्मचारियों की पहचान की जांच करने और मुस्लिम होने के संदेह में उन्हें निशाना बनाने की घटनाओं के संदर्भ में आई है। सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में स्वयंसेवकों को लोगों को उनकी धार्मिक पहचान साबित करने के लिए मजबूर करते हुए देखा गया है।


हसन ने केंद्र और राज्य सरकारों से अपील की कि वे तुरंत हस्तक्षेप करें ताकि इस प्रकार की सांप्रदायिक प्रथाओं पर रोक लगाई जा सके।


खाद्य लाइसेंस की अनिवार्यता

उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों के लिए खाद्य लाइसेंस या पंजीकरण प्रमाण पत्र को प्रमुखता से प्रदर्शित करना अनिवार्य कर दिया है। स्वास्थ्य सचिव एवं खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन आयुक्त आर राजेश कुमार ने बताया कि यात्रा मार्ग पर होटल, ढाबा मालिकों और ठेले-खोमचा वालों को अपने लाइसेंस या पंजीकरण प्रमाण पत्र की साफ प्रति अपने प्रतिष्ठान में प्रमुख स्थान पर प्रदर्शित करनी होगी, ताकि उपभोक्ता उसे आसानी से देख सकें। छोटे व्यापारियों और ठेला-खोमचा मालिकों को भी अपने पंजीकरण प्रमाण पत्र अपने पास रखने और प्रदर्शित करने होंगे।