एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाड़ियों के विवादास्पद व्यवहार पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

दुबई में एशिया कप मैच के दौरान पाकिस्तानी क्रिकेटरों हारिस रऊफ और साहिबजादा फरहान के विवादास्पद व्यवहार ने राजनीतिक बहस को जन्म दिया है। साहिबज़ादा फरहान ने अपने बल्ले को बंदूक की तरह तानते हुए 'एके-47' का अनुकरण किया, जिससे कई नेताओं ने भारत में पाकिस्तान के साथ खेल पर सवाल उठाए। क्या भारत को पाकिस्तान का बहिष्कार करना चाहिए था? इस घटना पर विभिन्न राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ आई हैं, जिसमें नेताओं ने इस व्यवहार को देश का अपमान बताया है। जानिए इस विवाद के पीछे की कहानी और नेताओं की राय।
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एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाड़ियों के विवादास्पद व्यवहार पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

पाकिस्तानी क्रिकेटरों का विवादास्पद प्रदर्शन

रविवार को दुबई में भारत के खिलाफ एशिया कप मैच के दौरान पाकिस्तानी क्रिकेटरों हारिस रऊफ और साहिबजादा फरहान के व्यवहार ने विवाद उत्पन्न कर दिया है। एक पाकिस्तानी खिलाड़ी ने कथित तौर पर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चार दिवसीय सैन्य झड़प का उल्लेख किया, जबकि दूसरे ने अपने बल्ले को बंदूक की तरह तानते हुए 'एके-47' का अनुकरण किया। इन दोनों खिलाड़ियों के इस विवादास्पद व्यवहार ने यह बहस फिर से शुरू कर दी है कि क्या भारत को एशिया कप में पाकिस्तान का बहिष्कार करना चाहिए था।


 


भारत ने पाकिस्तान को हराया


पहली पारी के दौरान, साहिबज़ादा फ़रहान ने अपने बल्ले को बंदूक की तरह तानकर अपना अर्धशतक मनाया। दर्शकों ने इस हरकत की कड़ी आलोचना की और इसे खेल को बिगाड़ने का अनावश्यक नाटक बताया। कुछ लोगों ने साहिबज़ादा फ़रहान के बल्ले से एके-47 की नकल करने का आरोप लगाते हुए कहा, "यह सिर्फ़ एक हरकत नहीं है - यह एक गहरी समस्या को दर्शाता है।" शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि साहिबज़ादा फरहान ने मैदान पर साबित कर दिया कि कैसे पाकिस्तानी आतंकवादियों ने पहलगाम में 26 बेगुनाहों का कत्लेआम किया था—"उन्हें ऐसे गोलियों से भून डाला जैसे कुछ हुआ ही न हो।"


 


राउत ने X पर एक पोस्ट में कहा कि पचास रन पूरे किए और बल्ले को एके-47 की तरह थाम लिया और चौके जड़ दिए! बीसीसीआई और मोदी सरकार के मुँह पर यह थूकना बेहद अपमानजनक है। भारत को शर्मसार करने के लिए जय शाह भारत रत्न के हकदार हैं। समाजवादी पार्टी के शरद सरन ने भी मैच के दौरान साहिबज़ादा फरहान के इस व्यवहार पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इस तर्क को बल दिया कि भारत को एशिया कप में पाकिस्तान के साथ नहीं खेलना चाहिए था। X पर एक पोस्ट में, सरन ने पूछा कि देश के इस अपमान के लिए कौन ज़िम्मेदार है।


 


शरद सरन की पोस्ट में लिखा था, "लोग उन्हें [साहिबज़ादा फरहान] गालियाँ दे रहे हैं, कह रहे हैं कि उन्होंने पहलगाम हमले को दोहराने और दूसरों को याद दिलाने के लिए ऐसा किया। उन्होंने भारत में हुई हत्याओं के नाम पर भारत का मज़ाक उड़ाया... अगर मोदी चाहते, तो क्या भारत पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलता?" शरद सरन की यह पोस्ट भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता अमित मालवीय द्वारा विपक्ष पर निशाना साधे जाने के बाद आई थी, जिन्होंने पहलगाम हमले और सैन्य संघर्ष के बाद टीम के पाकिस्तान के खिलाफ खेलने पर आपत्ति जताते हुए भारत की जीत का जश्न मनाया था। मालवीय ने लिखा, "मजेदार बात यह है कि वही विपक्ष, जो चिल्ला रहा था कि भारत को पाकिस्तान के साथ नहीं खेलना चाहिए, मैच देखने के लिए पूरी तरह से तैयार बैठा रहा, यहाँ तक कि साहिबज़ादा फरहान के नाटकों का भी स्वागत किया! ऐसा लग रहा है जैसे शाहिद अफरीदी ने राहुल गांधी को पहले ही फुसफुसा दिया हो... कांग्रेस की तत्परता का इससे बेहतर और क्या मतलब हो सकता है!"


 


आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया


आम आदमी पार्टी (आप) नेता सौरभ भारद्वाज ने भी हारिस रऊफ के इस कदम की निंदा की और इसे देश का अपमान बताया। भारद्वाज ने X पर लिखा कि भारत-पाकिस्तान मैच में पाकिस्तानी खिलाड़ी पूरी दुनिया के सामने भारत का मज़ाक उड़ा रहा है। वह भारतीय जेट को मार गिराने के इशारे कर रहा है। पाकिस्तानियों को इतना विश्वस्तरीय मंच क्यों दिया गया? हम तुरंत मैदान से बाहर क्यों नहीं गए? सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार को शर्म आनी चाहिए। पाकिस्तान के साथ 2-2 मैच खेलकर उन्होंने पूरी दुनिया को बता दिया है कि पाकिस्तान के साथ सब कुछ ठीक हो रहा है। और उनकी ऐसी हरकतें?