एशिया कप 2025 में भारत-पाकिस्तान की प्रतिद्वंद्विता का नया अध्याय

भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप 2025 में होने वाले मुकाबले की तैयारी जोर पकड़ रही है। पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने इस प्रतिद्वंद्विता के महत्व को साझा करते हुए अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं। सहवाग ने बताया कि पाकिस्तान के खिलाफ हारने पर उन्हें कितना गुस्सा आता था। उन्होंने अपने करियर के यादगार क्षणों को भी साझा किया, जिसमें 2008 में कराची में खेली गई उनकी शतकीय पारी शामिल है। इस बार दोनों टीमें 14 सितंबर को आमने-सामने होंगी, और क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह मुकाबला एक विशेष महत्व रखता है।
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एशिया कप 2025 में भारत-पाकिस्तान की प्रतिद्वंद्विता का नया अध्याय

भारत और पाकिस्तान का हाई-वोल्टेज मुकाबला

भारत और पाकिस्तान के बीच की प्रतिद्वंद्विता एक बार फिर से एशिया कप 2025 में देखने को मिलेगी, जब दोनों टीमें 14 सितंबर को अबू धाबी में आमने-सामने होंगी। जैसे-जैसे यह मुकाबला नजदीक आ रहा है, भारत के पूर्व धाकड़ ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने इस प्रतिद्वंद्विता का महत्व बताते हुए अपनी भावनाएं साझा की हैं।


सहवाग की पाकिस्तान के खिलाफ यादें

46 वर्षीय सहवाग ने सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क पर एक बातचीत में बताया कि पाकिस्तान के खिलाफ हारने पर उन्हें कितना गुस्सा आता था। उन्होंने कहा, "जब भी मैं पाकिस्तान के खिलाफ हारता था, मेरी एकाग्रता और संयम सब कुछ खो जाता था।"


सहवाग का पाकिस्तान के खिलाफ रिकॉर्ड

सहवाग ने पाकिस्तान के खिलाफ 42 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 50.65 की औसत से रन बनाए हैं। हालांकि, इन मैचों में से 21 बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उनके व्यक्तिगत आंकड़े भले ही शानदार हों, लेकिन हार की यादें उन्हें आज भी परेशान करती हैं।


कराची 2008: सहवाग का ऐतिहासिक शतक

2008 में पाकिस्तान के दौरे के दौरान कराची में सहवाग ने 300 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 119 रन बनाए थे। यह पारी उन्होंने केवल 95 गेंदों में खेली थी, जिसमें 12 चौके और 5 छक्के शामिल थे। खास बात यह थी कि वह उस दिन उपवास कर रहे थे।


एशिया कप 2025: प्रतिद्वंद्विता का अगला चरण

भारत और पाकिस्तान एशिया कप 2025 में ग्रुप ए में शामिल हैं, जिसमें यूएई और ओमान भी हैं। भारत 10 सितंबर को यूएई के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेगा, और 14 सितंबर को पाकिस्तान के खिलाफ खेलेंगे।


खेल से ज्यादा कुछ

जैसे-जैसे नए सितारे इस प्रतिद्वंद्विता में शामिल हो रहे हैं, इसकी तीव्रता में कोई कमी नहीं आई है। सहवाग जैसे पूर्व खिलाड़ियों की कहानियाँ हमें याद दिलाती हैं कि यह मुकाबला क्रिकेट की दुनिया में सबसे खास है।