एशिया कप 2025: भारत-पाकिस्तान मैच को रद्द करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का जवाब

भारत-पाकिस्तान मैच पर विवाद
एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच को लेकर फिर से विवाद उत्पन्न हो गया है। हाल ही में, राजनीतिक अशांति और हालिया राष्ट्रीय आपदाओं के कारण मैच रद्द करने की मांग को लेकर एक जनहित याचिका (PIL) सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है।
यह याचिका चार विधि छात्रों द्वारा प्रस्तुत की गई है, जिसमें प्रमुखता से उर्वशी जैन शामिल हैं। याचिका में 14 सितंबर को दुबई में होने वाले मैच को रद्द करने की मांग की गई है। इसमें पहलगाम आतंकवादी हमले और ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख किया गया है, जिसमें नागरिकों और सैनिकों की जानें गईं। याचिका में कहा गया है कि ऐसे माहौल में पाकिस्तान के साथ मैच आयोजित करना सार्वजनिक भावना और सशस्त्र बलों के बलिदानों का अपमान है।
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले देश के साथ खेल गतिविधियों का आयोजन गलत संदेश भेजता है और यह सैनिकों और पीड़ितों के परिवारों को हतोत्साहित करता है। याचिका में यह भी कहा गया है कि 'क्रिकेट को राष्ट्रीय गरिमा या मानव जीवन से ऊपर नहीं रखा जा सकता।'
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की पीठ ने इस याचिका को जल्द सुनवाई के लिए स्वीकार करने से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि 'यह सिर्फ एक मैच है।'
वकील ने न्यायाधीशों से मामले को सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया, लेकिन न्यायमूर्ति महेश्वरी ने उत्तर दिया कि इसमें क्या आपात स्थिति है? यह केवल एक मैच है और यह रविवार को है।
यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की मांगें उठाई गई हैं। जबकि भारत-पाकिस्तान द्विपक्षीय श्रृंखला अभी भी कूटनीतिक तनाव के कारण संभव नहीं है, बीसीसीआई उन दिशानिर्देशों का पालन करता है जो एशिया कप और विश्व कप जैसे बहु-देशीय टूर्नामेंटों में मैचों की अनुमति देते हैं।
बीसीसीआई के सचिव देवजीत सैकिया ने हाल ही में स्पष्ट किया कि बहु-राष्ट्रीय टूर्नामेंटों से बाहर निकलने पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट संगठनों जैसे आईसीसी और एशियाई क्रिकेट परिषद से प्रतिबंध लग सकते हैं, जिससे भारतीय खिलाड़ियों के करियर को खतरा हो सकता है।