एशिया कप 2025: भारत-पाकिस्तान मैच के बाद PCB का बहिष्कार की धमकी

2025 एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने आरोप लगाया है कि यदि उनकी शिकायतों का समाधान नहीं किया गया, तो वे यूएई के खिलाफ मैच का बहिष्कार कर सकते हैं। विवाद की शुरुआत उस समय हुई जब राष्ट्रीय गान के बजाय 'जलेबी बेबी' गाना बजाया गया। इसके बाद, भारतीय कप्तान ने पाकिस्तान के कप्तान से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। PCB ने रेफरी की बर्खास्तगी की मांग की है। इस विवाद ने एशिया कप के भविष्य को खतरे में डाल दिया है।
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एशिया कप 2025: भारत-पाकिस्तान मैच के बाद PCB का बहिष्कार की धमकी

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव

2025 एशिया कप में एक चौंकाने वाला मोड़ आया है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच दुश्मनी बढ़ गई है। दुबई में ग्रुप स्टेज मुकाबले के बाद, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने आरोप लगाया है कि यदि आईसीसी और टूर्नामेंट प्राधिकरण उनके आधिकारिक शिकायतों का समाधान नहीं करते हैं, तो वे 17 सितंबर को यूएई के खिलाफ होने वाले अपने अगले मैच का बहिष्कार कर सकते हैं।


'जलेबी बेबी' का विवाद

यह विवाद तब शुरू हुआ जब पहले गेंद फेंकी जाने से पहले ही स्टेडियम में राष्ट्रीय गान के बजाय 'जलेबी बेबी' गाना बजाया गया। इस घटना ने खिलाड़ियों और दर्शकों को चौंका दिया और पाकिस्तान टीम ने इसे अपमान के रूप में लिया। इस गलती ने मैच के माहौल को तनावपूर्ण बना दिया।


हाथ मिलाने से इनकार

टॉस के समय, भारत के सूर्यकुमार यादव ने पाकिस्तान के कप्तान सलमान अली आग़ा से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया, जिसे खराब खेल भावना के रूप में देखा गया। PCB ने शिकायत की है कि मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट ने सलमान को हाथ न मिलाने के लिए कहा था।


PCB की शिकायत और रेफरी की बर्खास्तगी की मांग

15 सितंबर को, PCB ने आईसीसी के पास एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें पायक्रॉफ्ट पर आईसीसी आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया। PCB के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने पायक्रॉफ्ट की तत्काल बर्खास्तगी की मांग की।


यूएई के खिलाफ मैच का बहिष्कार

PCB ने अब 17 सितंबर को यूएई के खिलाफ होने वाले मैच का बहिष्कार करने की धमकी दी है, यदि उनकी शिकायतों का समाधान नहीं किया गया। भारत-पाकिस्तान क्रिकेट राजनीति के बीच यह स्थिति और भी जटिल हो गई है।


एशिया कप का भविष्य

एशिया कप ने वर्षों से उपमहाद्वीप की प्रतिद्वंद्विता को बढ़ावा दिया है, लेकिन इस तरह की घटनाएं प्रतियोगिता की भावना को कमजोर कर सकती हैं। आईसीसी और एसीसी पर अब इस विवाद को समाप्त करने का दबाव बढ़ रहा है।