एशिया कप 2025: पाकिस्तान की टीम का विवाद और रमीज राजा के आरोप

एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए मैच के बाद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। भारतीय खिलाड़ियों द्वारा पाकिस्तानी टीम से हाथ न मिलाने पर हंगामा मच गया है। पीसीबी के पूर्व अध्यक्ष रमीज राजा ने मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और रमीज राजा के आरोपों की सच्चाई क्या है।
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एशिया कप 2025: पाकिस्तान की टीम का विवाद और रमीज राजा के आरोप

पाकिस्तान का विवादास्पद प्रदर्शन

एशिया कप 2025 में पाकिस्तान की समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच हुए रोमांचक मैच ने न केवल खेल के मैदान पर उत्साह पैदा किया, बल्कि इसके बाद विवादों का सिलसिला भी शुरू हो गया। दरअसल, मैच के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी टीम के खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया, जिससे पाकिस्तान में हंगामा मच गया। इस पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट को हटाने की मांग की, जिसे खारिज कर दिया गया। इस बीच, पीसीबी के पूर्व अध्यक्ष रमीज राजा ने एंडी पायक्रॉफ्ट पर गंभीर आरोप लगाए हैं।


रमीज राजा के आरोपों की गंभीरता

रमीज राजा ने आईसीसी के मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए उन्हें भारत का प्रिय बताया। उन्होंने कहा कि पायक्रॉफ्ट के निर्णय एकतरफा लगते हैं। यह विवाद एक साधारण हाथ मिलाने की घटना से शुरू होकर पूरे टूर्नामेंट की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है।


पीसीबी चेयरमैन के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस

यूएई के खिलाफ मैच से पहले, रमीज राजा ने पीसीबी चेयरमैन मोहसिन नकवी के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पायक्रॉफ्ट पर सीधा हमला किया। उन्होंने कहा कि यह दिलचस्प है कि पायक्रॉफ्ट हमेशा भारतीय टीम के मैचों में मौजूद रहते हैं। राजा ने यह भी बताया कि पायक्रॉफ्ट ने 90 बार भारत के मैचों में रेफरी की भूमिका निभाई है, जो उन्हें अजीब लगता है।


क्या रमीज राजा के आरोप सही हैं?

यह ध्यान देने योग्य है कि एंडी पायक्रॉफ्ट ने अब तक भारत के 124 मैचों में रेफरी की भूमिका निभाई है, जिसमें टेस्ट, वनडे और टी20 सभी फॉर्मेट शामिल हैं। वहीं, पाकिस्तान के लिए उन्होंने 102 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी यह जिम्मेदारी निभाई है। इस प्रकार, रमीज राजा का यह दावा केवल एक बेतुका बयान प्रतीत होता है, जिसमें कोई ठोस तथ्य नहीं है।