एयर इंडिया विमान हादसे की जांच में पायलट को नहीं ठहराया गया दोषी

हाल ही में हुए एयर इंडिया विमान हादसे की प्रारंभिक जांच में पायलट को दोषी नहीं ठहराया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उचित जांच की मांग की है। 12 जून को हुए इस हादसे में 260 लोगों की जान गई थी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने याचिकाकर्ता को आश्वस्त किया कि भारत में कोई भी पायलट को दोषी नहीं मानता। इस मामले में तकनीकी और प्रक्रियात्मक विफलताओं की भी जांच की आवश्यकता है।
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एयर इंडिया विमान हादसे की जांच में पायलट को नहीं ठहराया गया दोषी

पायलट को नहीं ठहराया गया दोषी

गुरुवार, 13 नवंबर को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया कि हाल ही में हुए एयर इंडिया विमान दुर्घटना की प्रारंभिक जांच में पायलट को दोषी नहीं पाया गया है। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, डीजीसीए और अन्य संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया था। यह नोटिस दिवंगत कैप्टन सुमीत सभरवाल के पिता पुष्कर राज सभरवाल द्वारा दायर याचिका पर आधारित था। यह विमान जून में अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, जिसमें 260 लोगों की जान गई थी। याचिका में एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में निष्पक्ष और तकनीकी रूप से सुदृढ़ जांच की मांग की गई है।


सुप्रीम कोर्ट का बयान

सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने याचिकाकर्ता को आश्वस्त किया कि यह घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन यह नहीं होना चाहिए कि उनके बेटे को दोषी ठहराया जाए। उन्होंने कहा, "भारत में कोई भी नहीं मानता कि यह पायलट की गलती थी।" न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची ने भी कहा कि प्रारंभिक एएआईबी रिपोर्ट में पायलट की ओर से किसी गलती का संकेत नहीं है।


एयर इंडिया AI-171 दुर्घटना

12 जून, 2023 को एयर इंडिया का विमान AI-171 पश्चिमी भारत के अहमदाबाद से उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 241 यात्रियों सहित कुल 260 लोगों की मृत्यु हुई। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के ईंधन इंजन के स्विच उड़ान भरने के बाद एक साथ कट गए थे। अमेरिकी अधिकारियों के प्रारंभिक आकलन से पता चलता है कि कॉकपिट की आवाज़ की रिकॉर्डिंग में कैप्टन सभरवाल ने इंजनों में ईंधन का प्रवाह बंद कर दिया था। हालांकि, परिवार और पायलट संघ का कहना है कि दुर्घटना के कारणों की पूरी समझ के लिए तकनीकी और प्रक्रियात्मक विफलताओं की गहन जांच आवश्यक है।