एयर इंडिया विमान दुर्घटना में मणिपुर की चालक दल की सदस्य की दुखद कहानी

अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान दुर्घटना में मणिपुर की चालक दल की सदस्य लामनुनथेम सिंगसन की दुखद कहानी सामने आई है। सिंगसन, जो अपने परिवार की एकमात्र कमाने वाली सदस्य थीं, ने अपनी विधवा मां से आखिरी बार 11 जून को बात की थी। उनके परिवार ने पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा का सामना किया है। जानें कैसे इस दुर्घटना ने उनके परिवार को प्रभावित किया और उनके संघर्ष के बारे में।
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एयर इंडिया विमान दुर्घटना में मणिपुर की चालक दल की सदस्य की दुखद कहानी

दुर्घटना में मारे गए चालक दल के सदस्य

अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान दुर्घटना में मारे गए मणिपुर के चालक दल के दो सदस्यों में से एक, लामनुनथेम सिंगसन (26), अपने परिवार की एकमात्र कमाने वाली सदस्य थीं। उनके परिवार ने पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा का सामना किया है।


सिंगसन के एक रिश्तेदार ने बताया कि उन्होंने अपनी विधवा मां से आखिरी बार 11 जून को फोन पर बात की थी। उन्होंने अपनी मां को बताया कि उन्हें बृहस्पतिवार को लंदन के लिए उड़ान भरनी है और इसलिए वह जल्दी सोना चाहती थीं।


सिंगसन के भाई लुन किपगेन ने कहा कि वह चार भाई-बहनों में तीसरी संतान थीं और परिवार की एकमात्र बेटी थीं। उनकी विधवा मां ने सभी को पालने के लिए बहुत संघर्ष किया।


परिवार की स्थिति

किपगेन ने कहा, "26 वर्षीय सिंगसन परिवार की एकमात्र कमाने वाली सदस्य थीं। उनका सबसे बड़ा भाई बेरोजगार है और गंभीर बीमारी से ग्रस्त है, जबकि अन्य दो भाई पढ़ाई कर रहे हैं।"


उन्होंने बताया कि अस्वस्थ होने के बावजूद उनके सबसे बड़े भाई अहमदाबाद के लिए रवाना हो चुके हैं, जबकि एक अन्य भाई और एक रिश्तेदार कांगपोकपी से नगालैंड के दीमापुर गए हैं और वहां से अहमदाबाद जाएंगे।


किपगेन ने कहा, "हम इस खबर से स्तब्ध हैं। उनकी मां गहरे सदमे में हैं और दुर्घटना की खबर सुनने के बाद से उन्होंने कुछ नहीं खाया है।"


दुर्घटना की जानकारी

किपगेन ने यह भी बताया कि एयर इंडिया के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार रात को सिंगसन के परिवार को फोन किया और कहा कि उनके शव की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।


सिंगसन उन 242 लोगों में शामिल थीं जो एयर इंडिया की उड़ान संख्या एआई 171 में सवार थे, जो बृहस्पतिवार को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई।


उन्होंने कहा, "सिंगसन ने बुधवार रात करीब 11 बजे अपनी मां से आखिरी बार बात की थी। उसने कहा था कि वह अगले दिन लंदन के लिए उड़ान भरेगी और जल्दी सोना चाहती है क्योंकि उसे बृहस्पतिवार को जल्दी ड्यूटी पर पहुंचना था।"


प्रार्थना और संघर्ष

सिंगसन और उनकी मां नियमित रूप से फोन पर प्रार्थना करती थीं। वे सोने से पहले एक साथ प्रार्थना करने की आदत रखते थे।


उनके रिश्तेदार ने बताया कि सिंगसन कुकी परिवार से थीं, जिनके सदस्यों को पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा के दौरान अपने घर छोड़कर भागना पड़ा था।


किपगेन ने कहा, "तीन भाइयों सहित उनके परिवार के सदस्य जातीय संघर्ष के दौरान इंफाल स्थित अपने घर से चले गए थे और अब कांगपोकपी जिले में एक किराए के मकान में रह रहे हैं।"