एयर इंडिया विमान दुर्घटना: मृतकों की संख्या 270 तक पहुंची

एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 का भीषण हादसा
एयर इंडिया विमान दुर्घटना: अहमदाबाद में गुरुवार दोपहर को एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के भीषण हादसे में मरने वालों की संख्या अब 270 हो गई है। पहले यह संख्या 265 थी, लेकिन बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल में इलाज के दौरान कई घायल लोगों ने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों ने पुष्टि की है कि अब तक 270 शवों को सिविल अस्पताल लाया जा चुका है। बीजे मेडिकल कॉलेज जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. धवल गमेती ने कहा, 'अब तक 270 शव अस्पताल पहुंचाए गए हैं.'
कहाँ हुआ विमान का टकराव?
यह फ्लाइट लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद अहमदाबाद के मेघानीनगर क्षेत्र में बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल और कैंटीन कॉम्प्लेक्स से टकरा गई। इस दुर्घटना में विमान में सवार 242 में से 241 लोगों की जान चली गई, केवल एक ब्रिटिश-भारतीय नागरिक बचा है, जो वर्तमान में अस्पताल में भर्ती है.
रेस्क्यू ऑपरेशन और क्रेन का उपयोग
अहमदाबाद फायर एंड इमरजेंसी सर्विस (AFES) ने बताया कि विमान की पूंछ (टेल फिन) अब भी कैंटीन की क्षतिग्रस्त छत पर फंसी हुई है। इसे हटाने के लिए एक विशाल क्रेन मंगवाई गई है। अतिरिक्त मुख्य अग्निशमन अधिकारी जयेश खडिया ने कहा, 'जैसे ही एयर इंडिया के अधिकारी मौके पर पहुंचेंगे, हम टेल फिन को नीचे लाने का कार्य शुरू करेंगे.'
डीएनए परीक्षण से शवों की पहचान
शवों की स्थिति अत्यंत खराब होने के कारण उनकी पहचान डीएनए परीक्षण के माध्यम से की जा रही है। जैसे ही पहचान की पुष्टि होगी, शवों को परिजनों को सौंपा जाएगा। इस प्रक्रिया के लिए सैकड़ों सैंपल लिए जा चुके हैं.
यह अब तक का सबसे बड़ा हादसा 787 ड्रीमलाइनर के लिए
यह घटना बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के इतिहास में पहला घातक हादसा है, जो 2011 में अपनी व्यावसायिक उड़ान की शुरुआत के बाद से सुरक्षित माने जाते थे.
ब्लैक बॉक्स से मिलेगी सच्चाई
हादसे के 28 घंटे बाद विमान का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है। यह डिवाइस विमान के टेल सेक्शन के पास मिला। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने बताया कि ब्लैक बॉक्स का डेटा डिकोड किया जा रहा है, और इसकी जांच में महत्वपूर्ण भूमिका होगी.
इस दुर्घटना के बाद, एयर इंडिया के सभी बोइंग 787-8 और 787-9 विमानों की सुरक्षा जांच रविवार से शुरू होगी। डीजीसीए (DGCA) ने निर्देश दिया है कि इंजन, ईंधन और हाइड्रोलिक सिस्टम की गहन जांच की जाए और इसकी रिपोर्ट भी प्रस्तुत करनी होगी.