एयर इंडिया विमान दुर्घटना: प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य

अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना
अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त होना अब तक के सबसे दुखद विमान हादसों में से एक माना जा रहा है। यह घटना 270 लोगों की जान ले गई, और इसके पीछे के कारणों को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट से पता चला है कि विमान के फ्यूल स्विच बंद होने के कारण यह हादसा हुआ। हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार, एयर इंडिया ने बोइंग 787-8 विमान के 'थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल' (टीसीएम) को 2019 में जारी निर्देशों के अनुसार पिछले छह वर्षों में दो बार बदला था।
एयर इंडिया ने अपने बयान में कहा है कि वह जांच में पूरी तरह से सहयोग कर रही है। टीसीएम में ईंधन को नियंत्रित करने वाले स्विच होते हैं।
जांच रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एआईआईबी) द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों इंजन के ईंधन नियंत्रण स्विच एक सेकंड के अंतराल में 'रन' से 'कटऑफ' स्थिति में चले गए, जिससे विमान की ऊंचाई में अचानक कमी आई।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि कॉकपिट में पायलटों के बीच बातचीत में एक पायलट दूसरे से पूछता है कि उसने ईंधन स्विच क्यों बंद किया, जबकि दूसरा पायलट ऐसा करने से इनकार करता है। 12 जून को, एयर इंडिया का विमान अहमदाबाद से उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 241 यात्रियों सहित कुल 260 लोगों की जान गई।
बोइंग के निर्देशों का पालन
एएआईबी ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया कि बोइंग ने 2019 में ड्रीमलाइनर के सभी संचालकों के लिए एक संशोधित रखरखाव योजना दस्तावेज (एमपीडी) जारी किया था। इस दस्तावेज के अनुसार, संचालकों को हर 24,000 उड़ान घंटों के बाद टीसीएम बदलना अनिवार्य था।
एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि एयरलाइन सभी नियामकों के साथ मिलकर काम कर रही है और जांच के दौरान सभी आवश्यक जानकारी प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि जांच की सक्रिय प्रकृति के कारण वे विशिष्ट विवरणों पर टिप्पणी नहीं कर सकते।
बोइंग का सहयोग
बोइंग ने भी इस मामले में सहयोग देने का आश्वासन दिया है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि वे संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन के प्रोटोकॉल का पालन करेंगे और एआई171 के बारे में जानकारी एआईआईबी को देंगे।