एयर इंडिया में DGCA ऑडिट से सामने आईं 100 से अधिक सुरक्षा खामियां

DGCA की रिपोर्ट में सुरक्षा उल्लंघनों का खुलासा
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा हाल ही में किए गए ऑडिट में एयर इंडिया में 100 से अधिक सुरक्षा खामियां पाई गई हैं, जिनमें से सात को बेहद गंभीर माना गया है। इन गंभीर उल्लंघनों में चालक दल के प्रशिक्षण और ड्यूटी नियमों में लापरवाही शामिल है, जिसके लिए तुरंत सुधारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है।
यह रिपोर्ट एक घातक विमान दुर्घटना के बाद आई है, जिसने एयरलाइन की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा की हैं।
भारत के विमानन नियामक, DGCA ने हाल ही में एयर इंडिया के गुरुग्राम स्थित बेस का विस्तृत ऑडिट किया, जिसमें लगभग 100 सुरक्षा उल्लंघनों और टिप्पणियों की पहचान की गई। इनमें से सात खामियां गंभीर श्रेणी में आती हैं।
1 से 4 जुलाई के बीच किए गए इस ऑडिट में परिचालन, उड़ान समय-निर्धारण, रोस्टरिंग और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों की जांच की गई। DGCA के निष्कर्षों के अनुसार, एयरलाइन चालक दल के प्रशिक्षण, ड्यूटी और आराम अवधि के नियमों का पालन नहीं कर रही थी।
इन उल्लंघनों में से सात को स्तर-1 के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसे DGCA गंभीर सुरक्षा जोखिम मानता है और इसके लिए तात्कालिक सुधारात्मक कार्रवाई की आवश्यकता होती है। एयर इंडिया ने पुष्टि की है कि उसे ऑडिट रिपोर्ट प्राप्त हो गई है और वह नियत समय सीमा के भीतर जवाब देगी।
एयरलाइन ने एक बयान में कहा, "सभी एयरलाइंस नियमित ऑडिट से गुजरती हैं ताकि प्रक्रियाओं की जांच और उन्हें मजबूत किया जा सके। एयर इंडिया का वार्षिक DGCA ऑडिट जुलाई में हुआ था, जिसमें ऑडिटरों के साथ पूरी पारदर्शिता बरती गई।
हम निष्कर्षों की प्राप्ति की पुष्टि करते हैं और नियामक को निर्धारित समय सीमा के भीतर अपना जवाब प्रस्तुत करेंगे, साथ ही उठाए गए सुधारात्मक कदमों का विवरण भी देंगे। एयर इंडिया अपने यात्रियों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
यह ऑडिट रिपोर्ट 12 जून को लंदन जाने वाले बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद एयरलाइन की बढ़ी हुई जांच के बीच आई है। अहमदाबाद से उड़ान भरने के कुछ ही क्षण बाद विमान का थ्रस्ट कम हो गया और यह एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकरा गया, जिससे विमान में सवार 242 लोगों में से 241 और ज़मीन पर 19 लोगों की मौत हो गई। यह भारत में एक दशक से अधिक समय में हुई सबसे घातक विमानन दुर्घटना थी।