एयर इंडिया की उड़ान में संकट: 900 फीट की ऊँचाई में गिरावट, जांच शुरू

14 जून को एयर इंडिया की उड़ान AI-187 ने दिल्ली से वियना के लिए उड़ान भरने के बाद अचानक 900 फीट की ऊँचाई खो दी, जिससे सुरक्षा चिंताएँ उत्पन्न हुईं। DGCA ने पायलटों को निलंबित कर दिया और घटना की जांच शुरू की। यह घटना एयर इंडिया की सुरक्षा प्रोटोकॉल पर बढ़ती निगरानी के बीच हुई है, खासकर AI-171 की हालिया दुर्घटना के बाद। जानें इस संकट के पीछे के कारण और भविष्य में क्या कदम उठाए जाएंगे।
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एयर इंडिया की उड़ान में संकट: 900 फीट की ऊँचाई में गिरावट, जांच शुरू

हवा में संकट

14 जून को दिल्ली से वियना के लिए उड़ान भरने के बाद, एयर इंडिया की उड़ान (AI-187) ने अचानक लगभग 900 फीट की ऊँचाई खो दी, जिससे सुरक्षा चिंताएँ उत्पन्न हुईं और विमानन प्राधिकरण ने जांच शुरू की।


यह घटना उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद हुई, जब विमान ने स्टॉल और ग्राउंड प्रॉक्सिमिटी चेतावनियाँ प्राप्त कीं, जिससे एरोडायनामिक स्टॉल और जमीन से टकराने का खतरा उत्पन्न हुआ। आपातकालीन दल ने तुरंत आपात प्रक्रियाएँ सक्रिय कीं और बोइंग 777 पर नियंत्रण पुनः प्राप्त किया, जबकि मौसम खराब था।


सभी यात्री सुरक्षित रहे और उड़ान बिना किसी अन्य घटना के अपने गंतव्य की ओर बढ़ी। हालांकि, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इस घटना को गंभीरता से लिया। इस प्रकार, विमानन नियामक ने घटना में शामिल दो पायलटों को निलंबित कर दिया और एयर इंडिया के सुरक्षा प्रमुख को 17 जून, 2025 को पूछताछ के लिए बुलाया। इसके साथ ही, यह जांच शुरू की गई कि क्या खराब मौसम, तकनीकी खराबी या मानव त्रुटि इस घटना का कारण बनी।


एयर इंडिया की सुरक्षा प्रोटोकॉल पर सवाल

यह उड़ान का डर उस समय आया है जब एयर इंडिया की सुरक्षा प्रोटोकॉल पर बढ़ती निगरानी हो रही है। हालिया DGCA ऑडिट ने कई मुद्दों को उजागर किया, जिसमें रनवे से रनवे रखरखाव की कमी और एयरलाइन के पूरे बेड़े में दोषों की गलत सुधार शामिल हैं। इस ऑडिट ने एयर इंडिया की संचालन अनुशासन पर चिंता जताई है, और अधिकारियों ने आने वाले हफ्तों में कड़ी निगरानी और अधिक निरीक्षण करने पर विचार करना शुरू कर दिया है।


AI-171 दुर्घटना

एयर इंडिया में सुरक्षा रिकॉर्ड का संकट AI-171 की भयानक दुर्घटना के 38 घंटे बाद आया, जिसमें एयर इंडिया का एक और विमान tragically समाप्त हुआ।


AI-171 उड़ान 12 जून को अपने गंतव्य की ओर यात्रा करते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गई और इसमें 242 यात्रियों में से 241 की जान चली गई। इस दुर्घटना को हाल के भारतीय विमानन इतिहास की सबसे भयानक हवाई त्रासदियों में से एक माना गया है।


प्रारंभिक रिपोर्टों ने दुर्घटना का श्रेय प्रणाली की खराबी और कम दृश्यता को दिया, लेकिन एक निष्कर्ष रिपोर्ट अभी तक सामने नहीं आई है। इन निकट-दुर्घटनाओं की श्रृंखला ने एयरलाइन के भीतर सुरक्षा मानकों, पायलट प्रशिक्षण प्रक्रियाओं और इंजीनियरिंग विधियों के बारे में आरोप लगाए हैं।


सार्वजनिक विश्वास और भविष्य की सुरक्षा

चूंकि सार्वजनिक विश्वास कमजोर हो गया है, DGCA को सभी प्रमुख एयरलाइनों में उड़ान सुरक्षा और जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए कड़े नियामक उपाय करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। दोनों रिपोर्टों के निष्कर्ष भारत के विमानन सुरक्षा नियमों के भविष्य को निर्धारित करने और एयर इंडिया की विश्वसनीयता के बारे में जनता की धारणा को प्रभावित करने की संभावना है।