एमएस धोनी का आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल होना: एक नई उपलब्धि

महेंद्र सिंह धोनी को हाल ही में आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया है, जिससे वह इस सम्मान को प्राप्त करने वाले भारत के 11वें क्रिकेटर बन गए हैं। धोनी की कप्तानी में भारत ने तीन आईसीसी खिताब जीते हैं। उनकी विकेटकीपिंग कौशल की प्रशंसा करते हुए, पूर्व कोच रवि शास्त्री ने उनकी तेज़ी की तुलना पॉकेटमार से की। जानें धोनी के क्रिकेट करियर की अन्य महत्वपूर्ण बातें और उनकी स्थिरता के बारे में।
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एमएस धोनी का आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल होना: एक नई उपलब्धि

धोनी का हॉल ऑफ फेम में शामिल होना

भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को हाल ही में आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया है। इस सम्मान के साथ, वह इस प्रतिष्ठित सूची में शामिल होने वाले भारत के 11वें क्रिकेटर बन गए हैं। धोनी की कप्तानी में भारत ने तीन आईसीसी खिताब जीते हैं, और विकेटकीपर के रूप में उनकी तेज़ी भी उल्लेखनीय है। 


धोनी की विकेटकीपिंग कौशल

43 वर्ष की आयु में भी, धोनी की फुर्ती बरकरार है। उन्होंने 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया, लेकिन आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए विकेटकीपिंग जारी रखी है। 


रवि शास्त्री की प्रशंसा

लंदन में आयोजित हॉल ऑफ फेम समारोह में, भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने धोनी की विकेटकीपिंग कौशल की सराहना की। उन्होंने धोनी की तेज़ स्टंपिंग को पॉकेटमार की गति से तुलना की। समारोह के दौरान, शास्त्री ने कहा कि धोनी के हाथ इतने तेज हैं कि अहमदाबाद में किसी बड़े मैच के दौरान, आप नहीं चाहेंगे कि वह आपके पीछे हों, क्योंकि वह आपकी जेब से बटुआ गायब कर सकते हैं। 


धोनी का व्यक्तित्व

पूर्व हेड कोच ने यह भी कहा कि धोनी का हावभाव हमेशा स्थिर रहता है, चाहे वह शून्य पर आउट हों या विश्व कप जीतें। उन्होंने 538 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 17,266 रन बनाए और विकेट के पीछे 829 शिकार किए।