एनपीएस में नए नियम: सब्सक्राइबर को मिलेगी अधिक निकासी की सुविधा

पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथारिटी (पीएफआरडीए) ने नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब सब्सक्राइबर योजना से बाहर निकलते समय अपने जमा फंड का 80 प्रतिशत तक निकाल सकेंगे। इसके अलावा, योजना से बाहर निकलने की उम्र को 85 साल कर दिया गया है। नए नियमों के तहत लोन लेने की सुविधा भी दी गई है। जानें इन बदलावों के बारे में विस्तार से।
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नई निकासी नियमों की घोषणा

नई दिल्ली। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथारिटी (पीएफआरडीए) ने नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब गैर सरकारी सब्सक्राइबर योजना से बाहर निकलते समय अपने जमा फंड का 80 प्रतिशत तक निकाल सकेंगे।


पहले यह सीमा 60 प्रतिशत थी, जबकि शेष राशि का उपयोग एन्युटी खरीदने के लिए किया जाता था, जिससे मासिक पेंशन योजनाओं का लाभ उठाया जा सके। इसके अतिरिक्त, योजना से बाहर निकलने की उम्र को 70 साल से बढ़ाकर 85 साल कर दिया गया है।


लोन लेने की नई सुविधा

पीएफआरडीए के नए नियमों के अनुसार, एनपीएस खाता अब वित्तीय संस्थानों से लोन लेने के लिए गिरवी रखा जा सकता है। सब्सक्राइबर को जितनी अनुमति होगी, उतनी वित्तीय सहायता प्राप्त करने का अधिकार होगा। इसके लिए वे एनपीएस के तहत मिलने वाले लाभों के संबंध में कर्जदाता के साथ अनुबंध कर सकते हैं।


यदि पेंशन कार्पस आठ लाख रुपये से कम है, तो सब्सक्राइबर को पूरी राशि एक साथ निकालने या आंशिक निकासी का विकल्प मिलेगा।


आंशिक निकासी की संख्या में वृद्धि

रेगुलेटर ने आंशिक निकासी की संख्या को तीन से बढ़ाकर चार कर दिया है, लेकिन हर निकासी के बीच चार साल का अंतराल होना आवश्यक है। सब्सक्राइबर 60 साल की रिटायरमेंट उम्र के बाद तीन बार आंशिक निकासी कर सकेंगे, लेकिन प्रत्येक निकासी के बीच कम से कम तीन साल का अंतराल होना चाहिए।


एन्युटी हिस्से को 20 प्रतिशत तक कम करने के साथ, पीएफआरडीए ने एनपीएस सब्सक्राइबर को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार जमा फंड का उपयोग करने की स्वतंत्रता दी है। सरकारी क्षेत्र के सब्सक्राइबरों के लिए योजना से बाहर निकलने की उम्र 75 से बढ़ाकर 85 कर दी गई है, जिससे वे 85 साल की उम्र तक एनपीएस में निवेश कर सकेंगे।