एनडीए का बिहार विधानसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र: एक करोड़ नौकरियों का वादा

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया है, जिसमें एक करोड़ से अधिक नौकरियों का वादा किया गया है। घोषणापत्र में कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण, और किसान कल्याण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। एनडीए का लक्ष्य बिहार को एक वैश्विक कौशल केंद्र बनाना और गरीबों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएँ लागू करना है। जानें इस घोषणापत्र में और क्या-क्या शामिल है।
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एनडीए का बिहार विधानसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र: एक करोड़ नौकरियों का वादा

एनडीए का घोषणापत्र जारी

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपना संयुक्त घोषणापत्र शुक्रवार, 31 अक्टूबर, 2025 को प्रस्तुत किया। यह घोषणापत्र गठबंधन के सभी प्रमुख नेताओं की उपस्थिति में जारी किया गया। बिहार के वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, "एनडीए ने एक करोड़ से अधिक सरकारी नौकरियाँ और रोजगार देने का आश्वासन दिया है। कौशल जनगणना कराई जाएगी, कौशल आधारित रोजगार का सृजन किया जाएगा और हर जिले में बड़े शिक्षण केंद्र स्थापित कर बिहार को एक वैश्विक शिक्षण केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।"


घोषणापत्र का विमोचन


पटना में केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और अन्य नेताओं की उपस्थिति में घोषणापत्र का विमोचन किया गया।


महागठबंधन का घोषणापत्र

इससे पहले, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने ‘बिहार का तेजस्वी प्रण’ शीर्षक से अपना घोषणापत्र जारी किया, जिसमें सरकार बनने के 20 दिनों के भीतर हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का वादा किया गया।


एक करोड़ नौकरियाँ और कौशल केंद्र

एनडीए ने बिहार में एक करोड़ से अधिक नौकरियाँ और रोजगार के अवसर उत्पन्न करने का संकल्प लिया है। इस योजना में सरकारी और निजी क्षेत्रों के पद शामिल होंगे, जो बड़े पैमाने पर कौशल विकास कार्यक्रमों द्वारा समर्थित होंगे। प्रत्येक जिले में एक मेगा स्किल सेंटर स्थापित किया जाएगा, जबकि राज्यव्यापी कौशल जनगणना युवा प्रतिभाओं की पहचान करेगी। घोषणापत्र में बिहार को भारत और विदेशों के लिए कुशल जनशक्ति तैयार करने के लिए एक वैश्विक कौशल केंद्र बनाने की भी योजना है।


महिला सशक्तिकरण: 'लखपति दीदी' और 'मिशन करोड़पति'

महिला सशक्तिकरण एनडीए के घोषणापत्र का एक महत्वपूर्ण पहलू है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत, महिलाओं को व्यवसाय शुरू करने के लिए 2 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। एनडीए का लक्ष्य एक करोड़ महिलाओं को 'लखपति दीदी' बनाना है, यानी सालाना 1 लाख रुपये से अधिक कमाने वाली महिलाएँ। सफल महिला उद्यमियों को उनके व्यवसाय को आगे बढ़ाने में सहायता के लिए 'मिशन करोड़पति' शुरू करने की योजना भी है।


अत्यंत पिछड़े वर्गों का सशक्तिकरण

गठबंधन ने बिहार के अत्यंत पिछड़े वर्गों (ईबीसी) के लिए लक्षित आर्थिक और सामाजिक सहायता का वादा किया है। विभिन्न ईबीसी व्यवसायों से जुड़े परिवारों को 10 लाख रुपये की सहायता मिलेगी, और इन समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का आकलन करने के लिए एक सेवानिवृत्त सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। समिति उनके सशक्तिकरण के लिए उचित कदमों की सिफारिश करेगी।


किसान कल्याण: कर्पूरी ठाकुर किसान सम्मान निधि

किसानों के लिए, एनडीए ने कर्पूरी ठाकुर किसान सम्मान निधि की घोषणा की है, जिसके तहत प्रत्येक किसान को प्रत्येक फसल सीजन में 3,000 रुपये मिलेंगे, यानी कुल मिलाकर सालाना 9,000 रुपये। सरकार एमएसपी योजना के तहत उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक पंचायत में धान, गेहूं, दालें और मक्का जैसी प्रमुख फसलों के लिए खरीद केंद्र खोलने की योजना बना रही है। इसके अतिरिक्त, सिंचाई, गोदामों और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों सहित कृषि अवसंरचना में 1 लाख करोड़ रुपये के निवेश का वादा किया गया है।


बिहार दुग्ध एवं मत्स्य पालन मिशन

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए, एनडीए ने बिहार दुग्ध मिशन की घोषणा की है, जिसके तहत डेयरी क्षेत्र में सुधार के लिए प्रत्येक ब्लॉक में शीतलन और प्रसंस्करण केंद्र स्थापित किए जाएँगे। नए क्लस्टरों और कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं के माध्यम से मत्स्य पालन विकास को भी बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे किसानों और मछुआरों को बाजारों और आय के अवसरों तक बेहतर पहुँच सुनिश्चित होगी।


बुनियादी ढाँचे में सुधार: एक्सप्रेसवे, रेल और मेट्रो

घोषणापत्र में बिहार की कनेक्टिविटी में सुधार के लिए बुनियादी ढाँचे में बड़े सुधार शामिल हैं। एनडीए की योजना बिहार गति शक्ति मास्टर प्लान के तहत सात नए एक्सप्रेसवे बनाने और 3,600 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का आधुनिकीकरण करने की है। चार नए शहरों में मेट्रो सेवाएँ शुरू की जाएँगी और अमृत भारत एक्सप्रेस और नमो रैपिड रेल सेवाओं का पूरे राज्य में विस्तार किया जाएगा।


हवाई संपर्क: बिहार से विदेश के लिए सीधी उड़ानें

हवाई संपर्क बढ़ाने के लिए, एनडीए ने पटना के पास एक नया ग्रीनफील्ड अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने का वादा किया है। दरभंगा, पूर्णिया और भागलपुर के मौजूदा हवाई अड्डों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उन्नत किया जाएगा, जबकि घरेलू हवाई सेवाओं का विस्तार 10 नए शहरों तक किया जाएगा, जिससे बिहार के भीतर और बाहर के और अधिक क्षेत्रों के लिए सीधी कनेक्टिविटी संभव होगी।


औद्योगिक विकास और विनिर्माण को बढ़ावा

एनडीए ने हर जिले में कारखाने स्थापित करके और 10 नए औद्योगिक पार्क विकसित करके बिहार की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का वादा किया है। स्थानीय स्तर पर औद्योगीकरण और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक जिले में एक आधुनिक विनिर्माण इकाई भी स्थापित की जाएगी।
 


शिक्षा: केजी से पीजी तक मुफ़्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

गठबंधन ने गरीब परिवारों के छात्रों के लिए केजी से पीजी तक मुफ़्त गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का वादा किया है। स्कूलों में आधुनिक कौशल प्रयोगशालाएँ होंगी और छात्रों को पौष्टिक नाश्ता और मध्याह्न भोजन मिलेगा। बिहार भर में शिक्षा की गुणवत्ता और सुलभता दोनों में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।


गरीबों के लिए 'पंचामृत गारंटी'

अपनी पंचामृत गारंटी के तहत, एनडीए ने बिहार के गरीबों के लिए पाँच प्रमुख कल्याणकारी वादे किए हैं: मुफ़्त राशन, प्रति परिवार 125 यूनिट मुफ़्त बिजली, 5 लाख रुपये तक मुफ़्त स्वास्थ्य सेवा, 50 लाख पक्के घरों का निर्माण और पात्र परिवारों के लिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन।