एनएचआरसी ने रेलवे में हलाल मांस परोसे जाने की शिकायत पर लिया संज्ञान

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भारतीय रेलवे द्वारा केवल हलाल मांस परोसने की नीति पर संज्ञान लिया है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि यह प्रथा विभिन्न धार्मिक समुदायों के मानवाधिकारों का उल्लंघन करती है। आयोग ने रेलवे बोर्ड से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है और भारतीय संविधान के अनुच्छेदों के उल्लंघन की आशंका जताई है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और एनएचआरसी की चिंताएँ।
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एनएचआरसी ने रेलवे में हलाल मांस परोसे जाने की शिकायत पर लिया संज्ञान

एनएचआरसी की कार्रवाई

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भारतीय रेलवे द्वारा मांसाहारी व्यंजनों में केवल हलाल-प्रमाणित मांस परोसने के संबंध में एक शिकायत पर स्वतः संज्ञान लिया है। आयोग ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।


शिकायत का विवरण

शिकायतकर्ता ने यह आरोप लगाया है कि केवल हलाल मांस परोसने की नीति हिंदू, सिख और अनुसूचित जाति समुदायों के मानवाधिकारों का उल्लंघन करती है। उनका तर्क है कि इस प्रथा के कारण मांस व्यापार से जुड़े लोगों की आजीविका प्रभावित होती है और यात्रियों को उनकी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भोजन के विकल्प नहीं मिलते।


कानूनी चिंताएँ

एनएचआरसी ने यह भी कहा कि यह प्रथा भारतीय संविधान के कई अनुच्छेदों का उल्लंघन कर सकती है, जिनमें अनुच्छेद 14, 15, 19(1)(जी), 21 और 25 शामिल हैं। ये अनुच्छेद समानता, गैर-भेदभाव, पेशे की स्वतंत्रता, सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देते हैं। आयोग ने सभी धर्मों के लोगों के भोजन विकल्पों का सम्मान करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।