एनआईए ने झारखंड में माओवादी हमले की साजिश में दो और आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया

झारखंड में माओवादी गतिविधियों पर एनआईए की कार्रवाई
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने झारखंड में सुरक्षा बलों पर हमले की योजना के तहत प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) समूह से जुड़े एक मामले में दो नए आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत किया है। यह जानकारी शनिवार को एक आधिकारिक बयान में दी गई।
रंथू उरांव और नीरज सिंह खेरवार के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने के साथ, अब तक इस मामले में कुल 25 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किए जा चुके हैं।
एनआईए के बयान के अनुसार, शुक्रवार को रांची की विशेष अदालत में दाखिल किए गए आरोप पत्र में दोनों पर भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
बयान में कहा गया है कि एक गुप्त सूचना के आधार पर, स्थानीय पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने फरवरी 2022 में झारखंड के लोहरदगा के बुलबुल वन क्षेत्र में संयुक्त तलाशी अभियान चलाया।
भाकपा (माओवादी) के सदस्य अपने शीर्ष कमांडर प्रशांत बोस की गिरफ्तारी का प्रतिशोध लेने के लिए बॉक्साइट खदान क्षेत्र में सुरक्षा बलों पर हमले की योजना बनाने के लिए इकट्ठा हुए थे।
बयान में उल्लेख किया गया है कि संगठन के क्षेत्रीय कमांडर रविन्द्र गंझू के नेतृत्व में नक्सली वहां एकत्र हुए थे, जिसमें सक्रिय कार्यकर्ता बलराम उरांव, मुनेश्वर गंझू और 45-60 अन्य कार्यकर्ता शामिल थे।
जब सुरक्षा बल बहाबर जंगल की ओर बढ़ रहे थे, तब हरकट्टा टोली और बांग्ला पाट में भाकपा (माओवादी) के कार्यकर्ताओं ने उन पर अंधाधुंध गोलीबारी की।
बयान में कहा गया है कि मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके की गहन तलाशी ली और भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद जब्त किया।
शुरुआत में झारखंड पुलिस ने इस मामले में नौ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इसके बाद, अगस्त 2023 से मई 2025 के बीच एनआईए ने 23 लोगों के खिलाफ पांच पूरक आरोप पत्र पेश किए।
एनआईए ने जांच के दौरान यह पाया कि इस साजिश का उद्देश्य देश की अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को खतरे में डालना और सरकार को अस्थिर करना था।