एनआईए ने उत्तर भारत के प्रमुख हथियार तस्कर को पकड़ा

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उत्तर भारत के सबसे बड़े हथियार तस्कर कमलकांत वर्मा उर्फ अंकल जी को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी अवैध हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी के मामले में की गई है, जिसमें एनआईए ने हाल ही में कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और एनआईए की कार्रवाई के बारे में।
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एनआईए ने उत्तर भारत के प्रमुख हथियार तस्कर को पकड़ा

बड़ी गिरफ्तारी: कमलकांत वर्मा उर्फ अंकल जी

एनआईए ने उत्तर भारत के प्रमुख हथियार तस्कर को पकड़ा

सांकेतिक तस्वीर.


अवैध हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी के मामले में एक महत्वपूर्ण गिरफ्तारी हुई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उत्तर भारत के सबसे बड़े हथियार तस्कर को पकड़ा है, जो बिहार से शुरू होकर कई राज्यों में फैले इस अवैध नेटवर्क का मुख्य आरोपी है। आरोपी की पहचान कमलकांत वर्मा, जिसे अंकल जी के नाम से जाना जाता है, के रूप में हुई है। वह पटना का निवासी है।


यह मामला RC-01/2025/NIA/PAT के तहत अब तक की 11वीं गिरफ्तारी है। एनआईए की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि कमलकांत वर्मा इस तस्करी के नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था। वह हरियाणा और अन्य स्थानों से अवैध रूप से गोला-बारूद प्राप्त करता था, जिसे फिर उत्तर प्रदेश के माध्यम से बिहार और अन्य क्षेत्रों में भेजा जाता था.


एनआईए की छापेमारी और अन्य गिरफ्तारियां

कमलकांत की गिरफ्तारी कुछ ही दिनों बाद हुई है, जब एनआईए ने 4 दिसंबर को उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा में 23 स्थानों पर छापेमारी की थी। इन छापों के दौरान चार अन्य आरोपियों, रवि रंजन, शशि प्रकाश, विजय कालरा और कुश कालरा को भी गिरफ्तार किया गया। साथ ही, बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए थे।


एनआईए का कहना है कि यह गिरफ्तारी उत्तर भारत में अवैध हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति श्रृंखला को तोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मामले की जांच अभी भी जारी है।


रामलिंगम हत्या मामले में प्रगति

हाल ही में, एनआईए ने रामलिंगम हत्या मामले में छठे फरार आरोपी को गिरफ्तार किया है। यह हत्या 5 फरवरी 2019 को तमिलनाडु के तंजावुर जिले में हुई थी, जिसमें प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के सदस्यों का हाथ था। एनआईए की जांच में यह पता चला है कि PFI के पूर्व जिला अध्यक्ष जिन्ना ने इस हत्या में साजिश रची थी।


इससे पहले, एनआईए ने मामले RC-06/2019/NIA/DLI में दो अन्य फरार अपराधियों और तीन शरण देने वालों को गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने 7 मार्च 2019 को तिरुविदैमरुथुर पुलिस से जांच अपने हाथ में ली थी और अगस्त 2019 में चार्जशीट दायर की थी.