एटा में पुश्तैनी जमीन पर कब्जे के मामले में 17 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज

एटा जिले के अवागढ़ क्षेत्र में एक महिला की पुश्तैनी संपत्ति पर कब्जे के मामले में लगभग नौ साल बाद अदालत के आदेश पर 17 व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पीड़िता ने आरोप लगाया कि दबंगों ने राजस्व विभाग के अधिकारियों की मदद से उसकी संपत्ति हड़पने का प्रयास किया। इस मामले में पूर्व उपजिलाधिकारी और तहसीलदार समेत कई लोग शामिल हैं। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और आगे की कानूनी कार्रवाई के बारे में।
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एटा में पुश्तैनी जमीन पर कब्जे के मामले में 17 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज

एटा जिले में जमीन विवाद का मामला

एटा जिले के अवागढ़ क्षेत्र में एक महिला की पुश्तैनी संपत्ति पर कब्जे के मामले में लगभग नौ साल बाद अदालत के आदेश पर 17 व्यक्तियों, जिसमें पूर्व उपजिलाधिकारी (एसडीएम), तत्कालीन तहसीलदार और राजस्व विभाग के कर्मचारी शामिल हैं, के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।


अवागढ़ थाने के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) अखिलेश दीक्षित ने बताया कि "मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज की गई है और जांच के बाद उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"


पीड़िता ने आरोप लगाया कि कुछ दबंगों ने राजस्व विभाग के अधिकारियों के सहयोग से उसकी पुश्तैनी संपत्ति पर कब्जा करने का प्रयास किया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, खटोटा गांव की निवासी कंठश्री ने अदालत में याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि उसके पिता, बनारसी लाल, ने एक वैध वसीयत के माध्यम से उसे कृषि भूमि और एक मकान दिया था। लेकिन आरोपियों ने राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से एक फर्जी वसीयत तैयार कर संपत्ति अपने नाम करवा ली।


इस मामले में 17 आरोपियों में तत्कालीन एसडीएम महिपाल सिंह, तहसीलदार बीके छत्रपति, एक लेखपाल, एक राजस्व निरीक्षक, शिवराज, सत्यभान सिंह, प्रेमवती, प्रदीप यादव और अन्य शामिल हैं। अवागढ़ थाना प्रभारी अखिलेश दीक्षित ने कहा कि अदालत के आदेश पर मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी।