एचएएल और जनरल इलेक्ट्रिक के बीच 97 तेजस विमानों के लिए समझौता

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने जनरल इलेक्ट्रिक के साथ 97 तेजस MK-1A विमानों के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता किया है। इस समझौते के तहत 113 एफ404-जीई-आईएन20 इंजनों की आपूर्ति की जाएगी, जो 2027 से शुरू होकर 2032 तक पूरी होगी। यह सौदा भारतीय वायु सेना के लिए 62,370 करोड़ रुपये का है और इसमें स्वदेशी सामग्री का महत्वपूर्ण योगदान होगा। जानें इस समझौते के पीछे की पूरी कहानी और इसके महत्व के बारे में।
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एचएएल और जनरल इलेक्ट्रिक के बीच 97 तेजस विमानों के लिए समझौता

एचएएल और जनरल इलेक्ट्रिक का समझौता

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने शुक्रवार को अमेरिका की जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी के साथ 97 हल्के लड़ाकू विमानों के एलसीए एमके1ए कार्यक्रम के लिए 113 एफ404-जीई-आईएन20 इंजनों की आपूर्ति का समझौता किया। अधिकारियों के अनुसार, इस समझौते के तहत इंजनों की आपूर्ति 2027 से शुरू होगी और यह प्रक्रिया 2032 तक पूरी होगी। रक्षा मंत्रालय ने एचएएल के साथ 62,370 करोड़ रुपये का एक बड़ा सौदा किया।


तेजस MK-1A विमानों की खरीद

सितंबर में, रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना के लिए 97 तेजस MK-1A विमानों की खरीद के लिए एचएएल के साथ 62,370 करोड़ रुपये का एक अनुबंध किया। इस अनुबंध के तहत 68 लड़ाकू विमानों और 29 दो सीटों वाले विमानों की खरीद शामिल है। तेजस एक एकल इंजन वाला, बहु-भूमिका वाला लड़ाकू विमान है, जिसे उच्च-खतरे वाले युद्ध परिदृश्यों में प्रभावी ढंग से उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह वायु रक्षा, समुद्री टोही और हमले के अभियानों में सक्षम है।


अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

यह सरकारी स्वामित्व वाली एयरोस्पेस कंपनी के लिए दूसरा बड़ा अनुबंध है। इससे पहले, फरवरी 2021 में, रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना को 83 तेजस MK-1A विमानों की आपूर्ति के लिए एचएएल के साथ 48,000 करोड़ रुपये के सौदे पर हस्ताक्षर किए थे। मंत्रालय ने बताया कि इस विमान में 64 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया जाएगा, जिसमें पिछले अनुबंध के तहत 67 अतिरिक्त वस्तुएं शामिल हैं। इसमें उन्नत सक्रिय इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्कैन की गई एरे (AESA) रडार, आत्मरक्षा कवच और नियंत्रण सतह सक्रिय करने वाले जैसे स्वदेशी विकसित प्रणालियों का समावेश आत्मनिर्भरता को और मजबूत करेगा।