एकनाथ शिंदे की कैबिनेट बैठक में अनुपस्थिति से बढ़ी राजनीतिक हलचल

शिंदे की अनुपस्थिति पर उठे सवाल
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हुए, जिससे यह कयास लगाए जाने लगे कि वह देवेंद्र फडणवीस की सरकार से असंतुष्ट हैं। शिवसेना के नेताओं ने इस मुद्दे को ज्यादा तूल नहीं दिया।
सूत्रों के अनुसार, शिंदे ने श्रीनगर में अपने प्रवास को बढ़ा दिया है, जहां वह पार्टी के नेता चंद्रहार पाटिल द्वारा आयोजित रक्तदान अभियान में शामिल होने गए थे। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि महायुति सरकार में मतभेदों के चलते शिंदे ने बैठक में भाग नहीं लिया।
राजनीतिक विवादों का नया मोड़
महाराष्ट्र सरकार द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर रायगढ़ और नासिक में शिवसेना के उम्मीदवारों को नजरअंदाज कर राकांपा और भाजपा के मंत्रियों को राष्ट्रीय ध्वज फहराने का निर्णय लेने से विवाद बढ़ गया है। इसके एक दिन बाद, शिंदे और शिवसेना के वरिष्ठ विधायक भरत गोगावाले ने कैबिनेट बैठक में भाग नहीं लिया, जिससे महायुति गठबंधन में असंतोष की अटकलें तेज हो गईं।
दिल्ली में भाजपा नेताओं से मुलाकात
कैबिनेट बैठक में शामिल न होने से पहले, शिंदे ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित भाजपा के प्रमुख नेताओं से तीन बार दिल्ली में मुलाकात की थी। भाजपा के नेताओं ने बताया कि नवंबर में महायुति के सत्ता में आने के बाद से शिंदे कई बार सरकारी बैठकों में अनुपस्थित रहे हैं।
फरवरी में, शिंदे ने मुख्यमंत्री फडणवीस की अध्यक्षता में शहरी विकास विभाग से संबंधित दो बैठकों में भाग नहीं लिया था, जिसके पीछे कई कारण बताए गए थे। उस समय, शिंदे महायुति 3.0 में मुख्यमंत्री पद से वंचित होने के कारण नाराज थे।
फडणवीस और शिवसेना नेताओं के बीच तनाव
हाल ही में, फडणवीस शिवसेना के नेताओं से जुड़े विवादों को लेकर नाराज हैं, जिनमें गृह राज्य मंत्री योगेश कदम और अन्य शामिल हैं। घटनाक्रम से अवगत लोगों के अनुसार, शिंदे भी शिवसेना नेताओं को नजरअंदाज किए जाने और एजेंसियों द्वारा निशाना बनाए जाने के कारण फडणवीस सरकार से असंतुष्ट हैं।