एकता परेड 2025: छत्तीसगढ़ की झांकी का चयन और बस्तर की विकास यात्रा

31 अक्टूबर को गुजरात के एकता नगर में आयोजित होने वाली एकता परेड 2025 में छत्तीसगढ़ की झांकी का चयन किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया है। झांकी बस्तर की बदलती पहचान और विकास यात्रा को दर्शाएगी, जिसमें जनजातीय संस्कृति और आधुनिक विकास का समन्वय होगा। यह आयोजन न केवल छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करेगा, बल्कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हो रहे स्थायी परिवर्तनों को भी उजागर करेगा। जानें इस परेड के महत्व और छत्तीसगढ़ की पहचान के बारे में।
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एकता परेड का आयोजन

31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर गुजरात के एकता नगर में एकता परेड-2025 का आयोजन किया जाएगा। इस विशेष अवसर पर छत्तीसगढ़ की झांकी को शामिल किया गया है, जैसा कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई सूची में बताया गया है। इस परेड में छत्तीसगढ़ के अलावा जम्मू-कश्मीर, गुजरात, महाराष्ट्र, मणिपुर, उत्तराखंड, पुडुचेरी, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, एनडीआरएफ और एनएसजी की झांकियां भी शामिल होंगी.


मुख्यमंत्री का संदेश

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि के लिए छत्तीसगढ़ के जनसम्पर्क विभाग की टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह चयन छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विविधता और एकता के भाव को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाता है। यह झांकी राज्य की विविधता को प्रदर्शित करते हुए एकता का प्रतीक बनेगी.


बस्तर की पहचान और विकास

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस वर्ष की झांकी बस्तर की बदलती पहचान और विकास यात्रा पर केंद्रित होगी। यह झांकी बस्तर की जनजातीय संस्कृति, पारंपरिक नृत्य, वेशभूषा, ढोकरा धातु कला और आदिवासी चित्रकला को दर्शाएगी। इसका मुख्य संदेश होगा कि बस्तर अब विकास की ओर अग्रसर है, जो संघर्ष से विश्वास की ओर बढ़ रहा है.


नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में परिवर्तन

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी परिवर्तन लाने में मदद की है। यह झांकी छत्तीसगढ़ के विकास, एकता और लोकगौरव को भी प्रदर्शित करेगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह झांकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के संकल्प को सशक्त बनाएगी और राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करेगी.


अधिकारीयों को चेतावनी

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