एक साल की बच्ची के बलात्कारी को मिली आजीवन कारावास की सजा

एक विशेष अदालत ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम के तहत एक व्यक्ति को अपनी एक साल की सौतेली बेटी के बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। यह मामला शादियाबाद थाना क्षेत्र का है, जहां बच्ची की मां ने 20 जुलाई, 2025 को शिकायत दर्ज कराई थी। अदालत ने त्वरित सुनवाई के बाद मात्र 14 दिनों में फैसला सुनाया। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और अदालत के निर्णय के पीछे की कहानी।
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एक साल की बच्ची के बलात्कारी को मिली आजीवन कारावास की सजा

विशेष अदालत का फैसला

विशेष अदालत ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत एक व्यक्ति को अपनी एक साल की सौतेली बेटी के साथ बलात्कार करने के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई।


अभियोजन पक्ष के वकील प्रभु नारायण सिंह ने बताया कि विशेष न्यायाधीश राम अवतार प्रसाद ने आरोपी सौतेले पिता के खिलाफ यह निर्णय लिया। उन्होंने यह भी बताया कि मुकदमे की सुनवाई केवल 14 दिनों में पूरी हुई।


घटना का विवरण

यह घटना शादियाबाद थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई। बच्ची की मां ने 20 जुलाई, 2025 को इस मामले की शिकायत दर्ज कराई थी। महिला ने आरोप लगाया कि उसके पति ने 18 जुलाई को उसकी बेटी का यौन उत्पीड़न किया, जब वह धान की रोपाई के लिए घर से बाहर गई थी।


पुलिस की त्वरित कार्रवाई

सिंह ने पुलिस द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई का उल्लेख किया, जिसके चलते 12 सितंबर को आरोप पत्र दाखिल किया गया। अदालत ने 15 सितंबर को मामले की दैनिक सुनवाई शुरू की।


त्वरित सुनवाई के दौरान पांच गवाहों को पेश किया गया।


अदालत का निर्णय

साक्ष्यों की समीक्षा और अभियोजन तथा बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद, अदालत ने औपचारिक आरोप पत्र दाखिल होने के केवल दो सप्ताह बाद, 26 सितंबर को दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही दोषी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।