एक साधारण किसान की अनोखी कहानी: कैसे बनाया 60 लाख का साम्राज्य

धूल में खिलता सपना
एक शांत और सुंदर गांव ईसानम कुप्पम में एक साधारण किसान ने एक अद्भुत व्यवसाय की स्थापना की है, जो न केवल आकर्षक है बल्कि लाभ भी दे रहा है। जलंधर, जो पिछले चार दशकों से बागवानी कर रहे हैं, ने Desert Rose को एक लाभकारी उद्यम में बदल दिया है, जिससे उन्हें लगभग ₹60 लाख प्रति वर्ष की आय हो रही है।
जलंधर ने संभावनाएं पहचानी
यह सफर 1986 में शुरू हुआ, जब जलंधर ने पहली बार Desert Rose (Adenium obesum) का सामना किया, जो एक खिलता हुआ सुकुलेंट है। यह फूल, जो तमिलनाडु में अन्य फूलों की तुलना में विदेशी और कठिन था, ने जलंधर को आकर्षित किया।
फूलों का व्यवसाय
Desert Rose को कम रखरखाव की आवश्यकता होती है, लेकिन जलंधर के कुशल हाथों में यह एक प्रीमियम उत्पाद बन गया है। साधारण पौधों की कीमत ₹150 से ₹2,000 प्रति यूनिट है, जबकि ग्राफ्टेड और बौन्साई आकार के पौधों की कीमत ₹12 लाख प्रति यूनिट है।
2015 में, उन्होंने दुबई में एक लाख से अधिक पौधे भेजे, और अब वे मॉरीशस, जमैका और खाड़ी देशों में निर्यात कर रहे हैं। यह पौधा केवल सुंदरता के कारण ही नहीं, बल्कि इसकी कठोरता के कारण भी मांग में है। इसे केवल सप्ताह में एक या दो बार धूप और पानी की आवश्यकता होती है।
चुनौतियाँ और कठिनाइयाँ
जलंधर के लिए भी यह सफर बिना बाधाओं के नहीं था। ऑनलाइन विक्रेताओं द्वारा किए गए धोखाधड़ी ने उन्हें ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर बिक्री से हतोत्साहित किया। अब सभी बिक्री सीधे उनके नर्सरी से होती है, जिससे धोखाधड़ी और निम्न गुणवत्ता वाले उत्पादों से बचा जा सके।
उनकी सफलता ने ध्यान आकर्षित किया, और तमिलनाडु बागवानी विभाग ने उन्हें राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत ₹10.65 लाख की सब्सिडी प्रदान की। इससे उन्हें उचित बुनियादी ढांचे की स्थापना में मदद मिली।
संस्कृति के बीज बोना
जलंधर अब अपने फार्म पर पर्यटकों का स्वागत करने की योजना बना रहे हैं, साथ ही नए बागवानी विशेषज्ञों के लिए Desert Rose प्रशिक्षण भी प्रदान कर रहे हैं। वे अपनी कहानी साझा करना चाहते हैं ताकि अन्य लोग पारंपरिक फसलों से दूर जा सकें।
जलंधर की कहानी एक दूरदर्शी सोच, धैर्य और दीर्घकालिक उद्यमिता का प्रतीक है। कौन सोच सकता था कि एक रेगिस्तानी फूल तमिलनाडु के दिल में इतनी चमक बिखेर सकता है और एक साम्राज्य का निर्माण कर सकता है?