एक मजेदार कहानी: एसी की मरम्मत और एक बोलता तोता

एक अनोखी एसी मरम्मत की कहानी

''नमस्ते, मैं मिसेज़ दुबे बोल रही हूँ... नेहरू नगर पारिजात एक्सटेंशन Q.NO. HIG B/16 से। मेरा एसी हाल ही में खराब हो गया है। कृपया दोपहर में मेरे ऑफिस जाने के बाद आकर इसे ठीक कर दें। पूरा घर बंद रहेगा, केवल हाल खुला रहेगा।''
''मेन डोर की चाबी बगल में दूसरे गमले के नीचे रखी होगी। ताला खोलकर हाल में लगे एसी को ठीक करना है।''
''हाल में एक डाबरमेन कुत्ता होगा, जो बंधा नहीं होगा, लेकिन डरने की जरूरत नहीं है। वह प्रशिक्षित है और जब तक कोई आदेश नहीं सुनता, तब तक वह कुछ नहीं करेगा।''
''वहाँ एक पिंजरे में तोता है, जो बहुत बोलता है, लेकिन आपको उसे एक शब्द भी नहीं कहना है। काम खत्म होने के बाद हाल को बंद करके चाबी उसी गमले के नीचे रख देना। मैं शाम को ऑफिस से लौटते समय आपका भुगतान कर दूंगी। ठीक है?''
''एक बार फिर कह रही हूँ, तोते को एक शब्द भी मत कहना, वरना आपको खुद भुगतना पड़ेगा!''
दोपहर में जब मेकेनिक हाल का ताला खोलकर अंदर आया, तो उसने देखा कि एक खतरनाक डाबरमेन कुत्ता सोफे के पास लेटा हुआ है। उसे देखकर वह थोड़ी सहम गया, लेकिन कुत्ता एक बार उसकी ओर देखकर फिर से सो गया।
जैसे ही वह आगे बढ़ा, तोता बोल पड़ा, ''अबे चोर... क्या कर रहा है बे!'' और पूरे दो घंटे तक, जब तक एसी ठीक नहीं हुआ, तोता लगातार चिल्लाता रहा।
वह कभी उसे चोर कहता, कभी 'मोटा भैंसा' और कभी गंदी गालियाँ देता। एक बार तो मेकेनिक इतना परेशान हो गया कि उसने पेंचकस से तोते को कोंचने का मन बना लिया, लेकिन मैडम की चेतावनी याद आ गई।
काम खत्म होने के बाद जब वह सामान समेटने लगा, तो तोता फिर चिढ़ाने लगा, ''अबे चोर... मोटा साले... क्या चुराया बे?''
अब मेकेनिक के लिए सहना मुश्किल हो गया। उसने सोचा कि मैडम बेवजह डरा रही थीं। आखिरकार, पिंजरे में बंद तोता उसका क्या बिगाड़ सकता है?
अपना पेंचकस निकालकर वह तोते की ओर बढ़ा, ''साले हरामखोर तोते... रुक, बताता हूँ!''
मेकेनिक का इतना बोलना था कि तोता गला फाड़कर चिल्लाया, ''छू... टामी... छू!''
''टामी... छू... छू!''
मेकेनिक अपनी जान बचाकर भागा, लेकिन आज तक उस सदमे में है!