एआईएमआईएम प्रवक्ता ने एशिया कप 2025 के खिलाफ उठाई आवाज़

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रवक्ता वारिस पठान ने एशिया कप 2025 के आयोजन पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच का बहिष्कार करने की मांग की, यह कहते हुए कि हाल के आतंकवादी हमले के बाद ऐसा करना अनुचित है। पठान ने बीसीसीआई की आलोचना की और पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने को गलत ठहराया। उनका कहना है कि भारत को इस मैच का बहिष्कार करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस मैच पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया है।
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एआईएमआईएम प्रवक्ता ने एशिया कप 2025 के खिलाफ उठाई आवाज़

एशिया कप 2025 पर विवाद

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रवक्ता वारिस पठान ने आगामी एशिया कप 2025 के आयोजन पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले क्रिकेट मैच का बहिष्कार करने की मांग की। पठान ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद इस मैच का आयोजन अनुचित है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना किसी भी तरह से उचित नहीं है। इसके साथ ही, उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की आलोचना की। 


पठान का बयान

पठान ने एक मीडिया चैनल से बातचीत में कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता है और भारत ने इसके खिलाफ कई बार संघर्ष किया है। उन्होंने 26/11, पुलवामा और पहलगाम जैसी घटनाओं का उल्लेख किया, जहां आतंकवादियों ने धर्म के नाम पर निर्दोष लोगों की हत्या की। उन्होंने भारत की ओर से किए गए ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया, जिसमें पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमले किए गए। एआईएमआईएम नेता ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए हैं, जैसे व्यापार और पानी की आपूर्ति रोकना। उन्होंने सवाल उठाया कि जब भारत ने पाकिस्तान की मशहूर हस्तियों पर प्रतिबंध लगाया है, तो फिर हमारी टीम उनके खिलाफ क्यों खेल रही है? उन्होंने कहा, "हम पहलगाम के पीड़ितों को क्या जवाब देंगे? भारत को इस मैच का बहिष्कार करना चाहिए और ऐसा नहीं होना चाहिए। मैं इस मैच को नहीं देखूंगा। 


सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

यह विवाद उस समय बढ़ा जब सुप्रीम कोर्ट ने 14 सितंबर को दुबई में होने वाले क्रिकेट मैच पर अंतरिम रोक लगाने की याचिका को सुनने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई की पीठ ने इस अनुरोध को खारिज करते हुए कहा कि मैच का आयोजन जारी रहना चाहिए।