ऋतिक रोशन ने पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की

बॉलीवुड अभिनेता ऋतिक रोशन ने अपने पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने न्यायालय से अनुरोध किया है कि उनके नाम, तस्वीर और आवाज का बिना अनुमति के उपयोग रोका जाए। यह मामला जनरेटिव एआई और डीपफेक तकनीकों के बढ़ते उपयोग के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। इससे पहले कई अन्य सेलेब्रिटीज भी इसी मुद्दे पर न्यायालय का सहारा ले चुके हैं। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे की कानूनी जटिलताएं।
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ऋतिक रोशन ने पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की

ऋतिक रोशन का न्यायालय में कदम

बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता ऋतिक रोशन ने अपने पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने न्यायालय से गुहार लगाई है कि उनके नाम, तस्वीर और अन्य व्यक्तिगत पहलुओं का बिना अनुमति के व्यावसायिक उपयोग रोका जाए। इस मामले की सुनवाई बुधवार को होने वाली है।


ऋतिक ने अदालत में एक याचिका दायर की है जिसमें कहा गया है कि उनकी तस्वीरों और आवाज का उपयोग कर कुछ लोग अवैध तरीके से धन कमा रहे हैं। इस पर तुरंत रोक लगाने की आवश्यकता है। जनरेटिव एआई और डीपफेक तकनीकों के बढ़ते उपयोग के कारण कई लोग, जिनमें फिल्मी सितारे और उद्योगपति शामिल हैं, अपने पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए न्यायालय का सहारा ले रहे हैं।


अन्य सेलेब्रिटीज की सुरक्षा की मांग

इससे पहले ऐश्वर्या राय बच्चन, करण जौहर और अभिषेक बच्चन भी अपने पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए न्यायालय में जा चुके हैं। विभिन्न अदालतों ने इन तीनों सेलेब्रिटीज को राहत देते हुए उनकी तस्वीरों और आवाज के बिना अनुमति के उपयोग पर रोक लगाई थी। अदालत ने यह भी कहा था कि इन अभिनेताओं को गलत या अपमानजनक तरीके से चित्रित करने के लिए तकनीक का उपयोग करना गोपनीयता और गरिमा का उल्लंघन है।


संविधान का अधिकार

विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में पर्सनैलिटी राइट्स को नियंत्रित करने वाला कोई विशेष कानून नहीं है, लेकिन न्यायालयों ने संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत विभिन्न हस्तियों को राहत दी है, जो निजता के अधिकार की सुरक्षा करता है।


हालिया मामलों की चर्चा

हाल ही में गायक कुमार सानू ने भी पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए न्यायालय का सहारा लिया था और उन्हें राहत मिली थी। वहीं, तेलुगु अभिनेता नागार्जुन अक्किनेनी ने भी इसी मुद्दे पर दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था, जहां उन्हें भी राहत प्रदान की गई।