उमा भारती ने गौ संरक्षण पर जोर देते हुए राजधानी में सभा को संबोधित किया

भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने भोपाल में आयोजित गौ संरक्षण संकल्प सभा में गौ संवर्धन और गंगा की स्वच्छता पर जोर दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे गौ और गंगा के संरक्षण का कार्य अपने हाथों से करें। सभा में उन्होंने गायों के लिए गोचर भूमि की आवश्यकता, शराबबंदी में महिलाओं की सक्रियता, और गाय रखने की अनुमति पर सवाल उठाए। जानें उनके विचार और सुझाव इस महत्वपूर्ण सभा में।
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गौ संरक्षण संकल्प सभा में उमा भारती का संबोधन

उमा भारती ने गौ संरक्षण पर जोर देते हुए राजधानी में सभा को संबोधित किया


भारतीय जनता पार्टी की प्रमुख नेता उमा भारती ने गौ संवर्धन और गंगा की स्वच्छता पर जोर दिया। उन्होंने बुधवार को भोपाल में आयोजित गौ संरक्षण संकल्प सभा में अपने विचार साझा किए।


यह कार्यक्रम अयोध्या नगर के दशहरा मैदान में माता बेटी बाई सोशल वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें संस्कृति राज्य मंत्री धर्मेंद्र लोधी और पूर्व मंत्री दीपक जोशी भी शामिल हुए।


गौ संवर्धन और गंगा की स्वच्छता पर बल

अपने भाषण में, उमा भारती ने कहा कि जब तक गौ संवर्धन और गंगा की स्वच्छता नहीं होगी, तब तक राम का कार्य अधूरा रहेगा। उन्होंने बताया कि 4 नवंबर से प्रयागराज में गंगा अभियान की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गौ और गंगा के संरक्षण का कार्य अपने हाथों से पूरा करने की अपील की।


उमा भारती ने यह भी कहा कि "गाय को धर्मनिरपेक्षता के नाम पर नजरअंदाज किया जा रहा है, क्योंकि गाय के बारे में बात करने पर मुसलमानों के नाराज होने का डर जताया जाता है।"


सरकार से गोचर भूमि की मांग

गायों के लिए बंजर भूमि पर नए चारागाह विकसित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, उमा भारती ने जनता से गौ और गंगा के संरक्षण में योगदान देने की अपील की। उन्होंने सरकार को सुझाव दिया कि लाड़ली बहनों फाउंडेशन के माध्यम से प्रत्येक बहन को एक गाय दी जाए।


गाय रखने की अनुमति पर सवाल

उन्होंने कहा कि "शहरों में कुत्ते और बिल्लियाँ रखने की अनुमति है, लेकिन गाय रखने की नहीं।" उमा भारती ने यह भी कहा कि हाईवे पर फेसिंग होनी चाहिए और उसके पीछे चारागाह बनाए जाने चाहिए, ताकि गायें सड़कों पर न आएं।


महिलाओं से शराबबंदी में सक्रियता की अपील

उन्होंने प्रदेश की महिलाओं से "काली" बनकर शराब की दुकानों को समाप्त करने का आह्वान किया। उमा भारती ने कहा कि उन्होंने प्रदेश में शराबबंदी की लड़ाई लड़ी, जिसके परिणामस्वरूप नई शराब नीति बनी और प्रदेश से अहाते समाप्त किए गए।