उमर गुल ने भारतीय क्रिकेट की रोटेशन नीति की सराहना की

पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज उमर गुल ने भारतीय क्रिकेट टीम की रोटेशन नीति की सराहना की है। उन्होंने जसप्रीत बुमराह को संभालने के तरीके की प्रशंसा की और पाकिस्तान क्रिकेट की संस्कृति में रोटेशन नीति की कमी पर चिंता व्यक्त की। गुल ने बताया कि कैसे सीनियर खिलाड़ियों की असुरक्षा उन्हें पूरी तरह से फिट न होने पर भी खेलने के लिए मजबूर करती है। उन्होंने भारतीय प्रणाली की भी तारीफ की, जो खिलाड़ियों को चोटों से निपटने में मदद करती है।
 | 
उमर गुल ने भारतीय क्रिकेट की रोटेशन नीति की सराहना की

उमर गुल की प्रशंसा

पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज उमर गुल ने भारतीय क्रिकेट टीम के थिंक टैंक की सराहना की है। उन्होंने बीसीसीआई की प्रशंसा करते हुए जसप्रीत बुमराह जैसी प्रतिभा को संभालने के उनके तरीके की तारीफ की। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान क्रिकेट संस्कृति में भारत की तरह रोटेशन नीति क्यों नहीं अपनाई जाती। 


रविवार को एशिया कप से पहले चर्चा

रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप मैच से पहले गुल से भारत की रोटेशन नीति और बुमराह के करियर की संभावनाओं के बारे में पूछा गया। खासतौर पर कार्यभार प्रबंधन पर चर्चा हुई, जिसमें यह भी बताया गया कि कैसे कभी-कभी गेंदबाजों की चोट के कारण उनकी गति प्रभावित होती है, लेकिन बुमराह ने फिर भी अपनी गति को बनाए रखा। 


पाकिस्तान क्रिकेट की चुनौतियाँ

गुल ने कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट की व्यवस्था में स्थापित खिलाड़ियों के बीच असुरक्षा की भावना होती है, जिससे वे पूरी तरह से फिट न होने पर भी खेलने के लिए मजबूर होते हैं। 


संस्कृति में बदलाव की आवश्यकता

उमर गुल ने पीटीवी के एक टॉक शो में कहा कि, दुर्भाग्यवश, हमारी संस्कृति में यह समस्या है कि जब हम खेलते थे, तो सीनियर खिलाड़ी भी हिचकिचाते थे। यदि वे 70-80 प्रतिशत फिट होते, तो भी वे खेलना चाहते थे। ऐसा इसलिए होता था क्योंकि यदि कोई नया खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करता है, तो रोटेशन नीति का पालन नहीं किया जाता। 


विश्वास और रोटेशन नीति का महत्व

गुल ने आगे कहा कि, हमें केवल प्रदर्शन पर ध्यान नहीं देना चाहिए। नए खिलाड़ियों को मौका देना चाहिए, लेकिन सीनियर खिलाड़ियों को प्राथमिकता देनी चाहिए। जब वे फिट हों, तो उन्हें खेलाना चाहिए। 


भारतीय प्रणाली की सराहना

उमर गुल ने भारतीय प्रणाली की भी तारीफ की, जो अग्रिम पंक्ति के खिलाड़ियों को गंभीर चोटों से निपटने में मदद करती है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों और प्रबंधन दोनों की जिम्मेदारी होती है, जिसमें ट्रेनर और मेडिकल स्टाफ भी शामिल हैं।